राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में वादी रहे इकबाल अंसारी को शुक्रवार को 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का न्योता मिला. अंसारी ने कहा कि वह भव्य समारोह में शामिल होंगे.
अंसारी ने ‘पीटीआई-भाषा'से कहा, ‘‘यह अयोध्या नगरी है, यह धर्म की नगरी है, यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के देवी-देवता विराजमान हैं. अयोध्या के हिंदू और मुसलमानों के बीच भाईचारा और एकता है और कोई असहजता नहीं है. चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो या गुरुद्वारा, कोई भेदभाव नहीं है. अयोध्या आने वालों के मन में समरसता का भाव है.''
उनकी बेटी शमा परवीन ने ‘पीटीआई-भाषा'को बताया कि आमंत्रण पत्र रामपथ के नजदीक कोटिया पंजीटोला स्थित आवास पर उनके पिता को दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. वहीं देश और विदेश से आमंत्रित अतिथियों की संख्या करीब सात हजार है.
इकबाल अंसारी ने 31 दिसंबर को ‘पीटीआई-भाषा'को अपने आवास पर दिए साक्षात्कार में कहा था कि मुस्लिम समुदाय 2019 में राम मंदिर पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हमें ‘सबका साथ, सबका विकास' का व्यवहार में देखने को मिल रहा है...मैं उन्हें अयोध्या के ‘विकास' के लिए बधाई दूंगा.''
आमंत्रण पर उनका नाम हिंदी में लिखा है - ‘‘श्री इकबाल अंसारी जी, अयोध्या (अवध प्रांत)''. यह आमंत्रण पत्र उन्हें मंदिर ट्रस्ट के एक प्रतिनिधि ने दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, हम पहले भी ‘मठ-मंदिर' जाते रहे हैं, और आज भी जाते हैं... मुझे ‘भूमिपूजन' समारोह में भी आमंत्रित किया गया था, और अब ‘प्राण प्रतिष्ठा' होने जा रही है, और मुझे उस (समारोह) में आमंत्रित भी किया गया है.'' अंसारी ने कहा, ‘‘मैं कार्यक्रम में जाऊंगा.''
प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त, 2020 को अयोध्या में मंदिर के लिए ‘भूमिपूजन' किया था. ‘प्राण प्रतिष्ठा' से एक महीने पहले उन्होंने 30 दिसंबर को अयोध्या का दौरा किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने रोड शो किया, पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन और नए हवाई अड्डे का उद्घाटन किया.
उन्होंने पहले कहा था,‘‘यह हमारी परंपरा है. हम अपने शहर में आने वाले मेहमानों का स्वागत करते हैं.''
अंसारी के पिता हाशिम अंसारी अपने निधन तक अयोध्या मामले में मुख्य वादियों में से एक थे. उनकी मृत्यु 2016 में 94 साल की उम्र में हो गई थी. उनकी मृत्यु के बाद इकबाल अंसारी ने मुकदमा लड़ा.
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