कनाडा के PM ट्रूडो भारत की क्‍यों कर रहे आलोचना? : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताई ये वजह 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में सत्तारूढ़ दल के पास संसद में बहुमत नहीं है और कुछ दल खालिस्तान समर्थक नेताओं के भरोसे हैं.

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जयशंकर ने कहा कि कनाडा ने कोई सुबूत नहीं दिया और वे कुछ मामलों में हमारे साथ कोई सबूत साझा नहीं करते. (फाइल)
भुवनेश्वर:

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कनाडा में जो कुछ भी हो रहा है वह ज्यादातर वहां की आंतरिक राजनीति के कारण है और इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. जयशंकर ने यह बात इस प्रश्न के उत्तर में कही कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत की आलोचना क्यों कर रहे हैं. विदेश मंत्री ने यहां वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘‘विकसित भारत'' बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के वास्ते देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह मजबूत और सक्रिय नेता की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर भारत की छवि अब पहले की तुलना में बहुत बेहतर है…कनाडा एक अपवाद है. आपने देखा है कि विभिन्न देशों के नेतृत्व, भारत और उसके प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हैं.''

उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थकों का एक वर्ग कनाडा के लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है, लॉबी बना रहा है और एक वोट बैंक बन गया है.

विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा में सत्तारूढ़ दल के पास संसद में बहुमत नहीं है और कुछ दल खालिस्तान समर्थक नेताओं के भरोसे हैं.

विदेश मंत्री ने कहा,‘‘हमने उनसे कई बार कहा कि वे ऐसे लोगों को वीजा, मान्यता या राजनीतिक क्षेत्र में जगह नहीं दें जो उनके (कनाडा के) लिए, हमारे लिए और हमारे संबंधों में समस्या पैदा कर रहे हैं, लेकिन कनाडा सरकार ने कुछ नहीं किया.''

उन्होंने कहा कि भारत ने 25 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की जिनमें से अधिकांश खालिस्तान समर्थक हैं लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया.

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कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में ‘‘संभावित रूप से'' शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया था.

वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे : जयशंकर 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘कनाडा ने कोई सुबूत नहीं दिया. वे कुछ मामलों में हमारे साथ कोई सबूत साझा नहीं करते, पुलिस एजेंसियां हमारे साथ सहयोग नहीं करतीं. भारत पर आरोप लगाना उनकी राजनीतिक मजबूरी है. कनाडा में चुनाव होने वाले हैं और वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं.''

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उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का कई देशों के प्रमुख काफी सम्मान करते हैं.

जयशंकर ने कहा, ‘‘हाल में, प्रशांत महासागर क्षेत्र के एक देश के प्रधानमंत्री ने मोदी के पैर छुए थे जबकि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने मोदी को ‘बॉस' कहा था. यहां तक कि (अमेरिका के) राष्ट्रपति (जो) बाइडन ने मोदी की लोकप्रियता का कारण जानना चाहा था.''

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी के (केंद्र की सत्ता में) आने के बाद चीजें बदल गई हैं. आपने उरी, बालाकोट देखा. इसलिए, हमने आज यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद, सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के किसी भी खतरे को भारत की ओर से उपयुक्त जवाब मिलेगा.''

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हमने कड़ा जवाब दिया है : जयशंकर 

चीन के साथ सीमा विवाद पर जयशंकर ने कहा, ‘‘पिछले चार साल में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा कर हम पर दबाव बनाने की कोशिश की गई. हमने इसका कड़ा जवाब दिया है. आज भारतीय सेना के हजारों जवान चीन से लगे एलएसी पर तैनात हैं. हम बहुत स्पष्ट हैं, हम वहां हैं, हम मजबूत हैं, हम तैनात हैं.''

विवादित क्षेत्रों को भारत के भू-भाग में दर्शा रहे मानचित्र वाले 100 रुपये के अपने नोट को चलन से हटाने के नेपाल सरकार के कदम पर जयशंकर ने कहा कि इससे जमीनी स्थिति नहीं बदलने जा रही.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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