Maruti Suzuki में काम कर रहे इंटर्न की इंजेक्शन लगाने के बाद मौत, PG के आगे शव रख भागा झोलाछाप डॉक्टर

डॉक्टर द्वारा पीजी के आगे शव रखने की यह घटना पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है.

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नई दिल्ली:

गुरुग्राम से सटे मानेसर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. दरअसल, यहां मारुति कंपनी में बतौर इंटर्न काम करने वाले युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आनन-फानन में इलाज के लिए एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाया गया था. जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई. डॉक्टर बाद में अपनी गलती छिपाने के लिए शव को युवक के पीजी के आगे रखकर भाग गया. डॉक्टर द्वारा पीजी के आगे शव रखने की यह घटना पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया है. पुलिस ने मृतक युवक की पहचान 20 वर्षीय लीलाधर के रूप में की है. 

मृतक लीलाधर के चाचा ने चाचा रामावतार ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि मंगलवार को उन्हें अपने भतीजे की मौत की सूचना मिली और पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव सौंप दिया. उन्हें संदेह है कि उनके भतीजे की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है. रामावतार ने शिकायत में कहा है कि मैंने सीसीटीवी फुटेज खंगाला और पाया कि मेरे भतीजे को ज्वर था और अलियार गांव में उत्तर प्रदेश के अमरोहा का फईम ‘आलम क्लीनिक' में उसका इलाज कर रहा था.  रमावतार ने पुलिस को बताया कि इस झोलाछाप डॉक्टर ने उनके भतीजे को इंजेक्शन लगाया और उसे क्लीनिक में सो जाने को कहा लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गयी. बिना वैध डिग्री वाले इस झोलाछाप डॉक्टर ने अपने दोस्त सुभान को बुलाया व दोनों ने मेरे भतीजे के शव को उसके कमरे के पास रखा और चलते बने. 

रमावतार से मिली शिकायत के बाद पुलिस टीम फिर मौके पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज खंगाला जिसमें इस झोलाछाप डॉक्टर और उसके दोस्त को लीलाधर के शव को उसके पीजी के पास रखते हुए देखा गया है. इस झोलाछाप डॉक्टर एवं उसके दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया.

इस मामले को लेकर आईएमटी मानेसर के थाना प्रभारी सुभाष चंद ने कहा कि आरोपी एक झोलाछाप डॉक्टर है और उसके पास वैध डिग्री नहीं है. हमने आगे की कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को लिखा है. हम उसके साथी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे हैं. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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