प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली NCR में सिर्फ इलेक्ट्रिक, CNG और BS 6 डीजल बसें चलाने के निर्देश

एनसीआर के इलाकों और दिल्ली के बीच बसों के संचालन को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिए निर्देश

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

Delhi NCR Pollution: प्रदूषण की रोकथाम के मद्देनजर एनसीआर के इलाकों और दिल्ली के बीच बसों के संचालन पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने निर्देश जारी किए हैं. हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के लिए बसों के संचालन पर CAQM ने निर्देश जारी किए हैं. इसमें सिर्फ इलेक्ट्रिक/सीएनजी/BS 6 डीजल बसों का ही संचालन करने को कहा गया है.

आयोग के निर्देश हैं कि, एक नवंबर से हरियाणा के एनसीआर इलाके और दिल्ली के बीच सिर्फ इलेक्ट्रिक/सीएनजी/BS 6 डीजल बसों का ही संचालन हो. इसी तारीख से राजस्थान के एनसीआर के इलाकों और दिल्ली के बीच सिर्फ इलेक्ट्रिक/सीएनजी/BS 6 डीजल बसों का ही संचालन हो.

एक जनवरी 2024 से राजस्थान के नॉन एनसीआर इलाकों से दिल्ली के बीच सिर्फ इलेक्ट्रिक/सीएनजी/BS 6 डीजल बसों का ही संचालन हो. एक नवंबर 2023 से UP के एनसीआर इलाके और दिल्ली के बीच भी सिर्फ इसी प्रकार की बसों का संचालन हो. एक अप्रैल 2024 से UP के एनसीआर के आठ जिलों के बीच सिर्फ इलेक्ट्रिक/सीएनजी/BS 6 डीजल बसों का ही संचालन किया जाए.

NCR में आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग 

केंद्र सरकार के साथ शुक्रवार को आयोजित राज्यों की संयुक्त बैठक में दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पटाखे जलाने और डीजल बसों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान दिल्ली सरकार ने पूरे एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय सुझाए.

इससे पहले, राय ने केंद्र से सर्दियों के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए सहयोगात्मक रूप से एक कार्य योजना विकसित करने के लिए सभी एनसीआर राज्यों की एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया था.

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यादव को लिखे पत्र में राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन ये कदम तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक कि हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्त्रोतों पर ध्यान नहीं देते.

दिल्ली में 31 फीसदी वायु प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के स्त्रोतों से

स्वतंत्र पर्यावरण विचारक संस्था 'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट' (CSE) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 31 फीसदी वायु प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के स्त्रोतों से उत्पन्न होता है, जबकि 69 फीसदी एनसीआर राज्यों के स्त्रोतों से उत्पन्न होता है.

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राय ने इस बात पर जोर दिया कि एनसीआर राज्यों को पूरे क्षेत्र में पटाखों और पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए और केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को चलने की अनुमति देनी चाहिए.

वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दौड़ आयोजित

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जनता का समर्थन मांगने के लिए शुक्रवार को एक दौड़ का आयोजन किया.

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राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने 'रन अगेंस्ट पॉल्यूशन' कार्यक्रम में भाग लिया और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, ट्रैफिक सिग्नल लाल होने पर वाहन के इंजन बंद करने और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने का संकल्प लिया.

सरकार शहर में वाहन प्रदूषण से निपटने के लिए 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान फिर से शुरू करने की योजना बना रही है.
(इनपुट भाषा से भी)

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