पहलगाम आतंकी हमले और भारत के एक्शन को लेकर आज सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की मांग की. बैठक में विपक्षी सांसदों ने सरकार को आश्वासन दिया कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके साथ हैं. बता दें कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक में महत्वपूर्ण तथ्य साझा किए गए. विपक्ष ने पहला बड़ा सवाल किया कि क्या ये इंटेलिजेंस फेलियर नहीं है, सूरक्षा में चूक नहीं है? इस पर सरकार ने जवाब दिया कि यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि किस परिस्थिति में यह हमला हुआ.
'सुरक्षा कर्मी तैनात क्यों नहीं थे'
दूसरा बड़ा सवाल कि जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी तैनात क्यों नहीं थे? इस पर सरकार ने जवाब दिया कि हर साल ये रूट अमरनाथ यात्रा के दौरान जून में खोला जाता है. अमरनाथ यात्री इसी जगह आराम करते हैं. इस बार लोकल टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को जानकारी दिए बिना ही बुकिंग शुरू कर दी. टूर ऑपरेटर्स ने 20 अप्रैल से टूरिस्ट को वहां ले जाना शुरू कर दिया. स्थानीय प्रशासन को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई इसलिए सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं हुई. यहां हर साल सुरक्षा बल जून के महीने में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले तैनात किए जाते हैं.
सिंधु जल संधि निलंबन पर असदुद्दीन ओवैसी का सवाल
तीसरा सवाल सिंधु जल संधि निलंबन पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया और पूछा कि जब भारत के पास पानी रखने या रोकने का इंतजाम नहीं तो संधि स्थगित करने का क्या फायदा? इस पर सरकार ने जवाब दिया कि सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई की मंशा जताने के लिए संधि निलंबित की गई है. ये कड़ा संदेश देने के लिए किया गया है. ये फैसला ये भी बताता है कि सरकार का आगे क्या रुख होने वाला है.
बता दें कि भारत सरकार ने सीसीएस बैठक में क्या-क्या कदम उठाए इसकी भी जानकारी दी गई. देशभर में लोग इस घटना से चिंतित हैं. किरेन रिजिजू ने बताया कि सरकार ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की मंशा को सभी दलों के सामने बताया. सब कुछ कश्मीर में अच्छा चल रहा था. टूरिस्ट आ रहे थे. इस घटना ने माहौल को खराब किया. सभी पॉलिटिकल पार्टी ने अपने विचार सामने रखे.सभी दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की. इस बात पर आम सहमति बनी कि सरकार को इस हमले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.