प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अगस्त को सबसे बड़े स्वदेश निर्मित युद्धपोत आईएनएस कोलकाता को नौसेना के बेड़े में इसके मुख्य हवाई रक्षा हथियार के बगैर ही शामिल करेंगे। यह रक्षा हथियार पोत को हवाई हमले से सुरक्षा प्रदान करेगा।
रियर एडमिरल एबी सिंह ने कहा कि सतह से हवा में लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल (एलआर-एसएएम) को भारत और इस्राइल के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किया जा रहा है और इसके सितंबर में परीक्षण पूरे करने की उम्मीद है और इसके बाद यह युद्धपोत आईएनएस कोलकाता पर तैनात करने के लिए उपलब्ध किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस 6800 टन के युद्धपोत को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस पर हथियार प्रणाली और दो मुख्य बंदूकें मौजूद रहेंगी।
एलआर-एसएएम भविष्य के लिए नौसैन्य युद्धपोतों का मुख्य हवाई रक्षा हथियार है, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण इस कार्यक्रम में देरी हुई।
नौसेना अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल प्रणाली के चार रियर मोटरों को परीक्षण के लिए इस्राइल भेजा गया है, लेकिन पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के कारण दक्षिण कोरिया में रास्ते में फंस गये हैं। उन्होंने कहा कि मोटरों को वापस मंगाकर बाद में इस्राइल भेजा जाएगा।
आईएनएस कोलकाता में नहीं हो पाई मुख्य हवाई रक्षा हथियार प्रणाली की तैनाती
Advertisement
Read Time:
2 mins
नई दिल्ली:
Featured Video Of The Day
Israel Attack On Lebanon: Hezbollah Chief की धमकी के बाद इजरायल के ताबड़तोड़ हमले
Topics mentioned in this article