दिल्ली से पूरी दुनिया के समंदर पर पैनी नजर रखेगा INS अरावली, नेवी का ये बेस कैसे होगा खास, पढ़ें

इस बेस के शिखर पर केंद्रीय पर्वतीय छवि है जो अटूट और मज़बूत अरावली पर्वतमाला का प्रतीक है , और उगता हुआ सूर्य शाश्वत सतर्कता, लचीलेपन और ऊर्जा का प्रतीक है.

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दिल्ली-एनसीआर में बनेगा नेवी का नया बेस
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  • भारतीय नौसेना 12 सितंबर को गुरुग्राम में नया नेवल बेस INS अरावली को नौसेना में शामिल करेगी
  • INS अरावली नाम अरावली पर्वतमाला से लिया गया है जो भारतीय नौसेना के संचार केंद्रों को सहायता प्रदान करेगा
  • नौसेना बेस समुद्री सुरक्षा, सहयोग और समुद्री डोमेन जागरूकता के महत्व को दर्शाता है
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नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना के लिए 12 सितंबर का दिन बेहद खास होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली एनसीआर में नौसेना अपना नया नेवल बेस कमिशन करने जा रहा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी में गुरुग्राम में इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा. INS अरावली, जिसका नाम अविचल अरावली पर्वतमाला से लिया गया है. भारतीय नौसेना के विभिन्न सूचना और संचार केंद्रों को सहायता प्रदान करेगा, जो भारत और भारतीय नौसेना के कमांड, नियंत्रण और समुद्री डोमेन जागरूकता (एमडीए) ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं. 

यह 'सामुद्रिक सुरक्षाः सहयोगं' या 'सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा' के आदर्श वाक्य से प्रेरित है. नौसेना बेस सहायक और सहयोगी लोकाचार का उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो नौसेना इकाइयों, एमडीए केंद्रों और संबद्ध हितधारकों के साथ सहजता से काम करता है.

बेस के शिखर पर केंद्रीय पर्वतीय छवि है जो अटूट और मज़बूत अरावली पर्वतमाला का प्रतीक है , और उगता हुआ सूर्य शाश्वत सतर्कता, लचीलेपन और ऊर्जा का प्रतीक है. साथ ही संचार और समुद्री विकास के क्षेत्र में विशिष्ट तकनीकी क्षमताओं के उदय का भी प्रतीक है. इस प्रकार, यह शिखर भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए शाश्वत सतर्कता को सुगम बनाने हेतु बेस की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

गेमचेंजर है INS अरावली

भारत के लिए INS अरावली एक गेमचेंजर साबित हो रहा है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि ये जिस हिंद महासागर क्षेत्र पर नजर रखता है उससे होकर दुनिया का 80 फीसदी से ज्यादा तेल और 75 फीसदी समुद्री व्यापार होता है. ये इलाका राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है. इनफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर- इंडियन ओशन रीजन ( IFC-IOR) इस क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

INS अरावली में मौजूद IFC-IOR का मुख्य काम है समुद्री डकैतों, आतंकवाद, तस्करी, अवैध मछली पकड़ने और मानव तस्करी जैसे गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना. यह सेंटर सूचनाओं के आदान-प्रदान,समन्वय और विशेषज्ञता के जरिए शांतिपूर्ण , स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र की दिशा में काम करता है. 

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