केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया जबकि छत्तीसगढ़ ने सबसे स्वच्छ राज्य का स्थान बरकरार रखा. वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई. स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 में सबसे स्वच्छ शहरों में दूसरा स्थान सूरत को और तीसरा स्थान विजयवाड़ा को प्राप्त हुआ. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा घोषित सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को सर्वेक्षण में ‘‘स्वच्छ गंगा शहर'' की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ. इस श्रेणी में बिहार के मुंगेर को दूसरा और पटना को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. वाराणसी को पिछले वर्ष भी इस श्रेणी में यहीं पुरस्कार प्राप्त हुआ था.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में इंदौर और सूरत ने अपना स्थान बरकरार रखा हालांकि नवी मुम्बई स्वच्छ शहर की श्रेणी में तीसरे स्थान से चौथे स्थान पर आ गई. सर्वेक्षण में महाराष्ट्र को कुल 92 पुरस्कार प्राप्त हुए जबकि छत्तीसगढ़ को 67 पुरस्कार मिले. मंत्रालय के अनुसार, नौ शहरों इंदौर, सूरत, नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद, नवी मुम्बई, अंबिकापुर,मैसूरू, नोएडा, विजयवाड़ा और पाटन को कचरा मुक्त शहर की श्रेणी में 5 स्टार रेटिंग वाले शहर के रूप में प्रमाणित किया गया. 143 शहरों को 3 स्टार रेटिंग वाले शहर का दर्जा मिला. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये. इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं अन्य उपस्थित थे.
Koo Appस्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत में मध्यप्रदेश ने एक बार फिर देश में सबसे स्वच्छ शहर का तमगा इंदौर के पास बरकरार रखते हुए कई वर्गों में उल्लेखनीय सफलता के लिए सम्मान प्राप्त किया। हम सभी मध्यप्रदेश वासी आदरणीय राष्ट्रपति को हृदय से धन्यवाद करते हैं। #SwachhSurvekshanAwards2021- Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 20 Nov 2021
इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और गांधीजी की इसी प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हुए हैं. कोविंद ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सबसे बड़ी सफलता देश की सोच में बदलाव आना है जहां अब घर के छोटे बच्चे भी बड़ों को गंदगी फैलाने से रोकते और टोकते हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मनुष्य द्वारा सिर पर मैला ढोना एक शर्मनाक प्रथा है और इसे रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं बल्कि समाज और देश के सभी नागरिकों की है.
उन्होंने सुझाव दिया कि सभी शहरों में मशीन से सफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जानी चाहिए. राष्ट्रपति ने स्वच्छता पुरस्कार विजेता शहरों की अच्छी प्रथाओं एंव चलन को अपनाने की बात भी की. आवास शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण में 28 दिनों में 4,320 शहरों में 4.2 करोड़ लोगों की राय ली गई. सर्वेक्षण में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को देश में स्वच्छ राज्यों में दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त हुआ जहां 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकाय हैं. 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड को पहला स्थान मिला और इसके बाद हरियाणा और गोवा को स्थान प्राप्त हुआ.
एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में इंदौर, सूरत, विजयवाड़ा, नवी मुम्बई, नयी दिल्ली, अंबिकापुर, तिरूपति, पुणे, नोएडा और उज्जैन शामिल हैं . इस श्रेणी में 25 शहरों की सूची में लखनऊ को निचला स्थान प्राप्त हुआ. मंत्रालय के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र का विटा शहर को प्रथम स्थान मिला और इसके बाद लोनावाला और ससवाड शहर को स्थान प्राप्त हुआ. इसी प्रकार से, 1-3 लाख आबादी वाले छोटे स्वच्छ शहरों की श्रेणी में नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को प्रथम स्थान मिला. नागरिकों की राय के आधार पर होशंगाबाद तेजी से उभरते छोटे शहर और तिरूपति को श्रेष्ठ छोटे शहर के रूप में सामने आया. वहीं, 3-10 लाख आबादी की श्रेणी में नोएड देश में ‘स्वच्छ मध्यम शहर' के रूप सामने आया जबकि इंदौर, नवी मुम्बई, नेल्लोर और देवास ने ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज' पुरस्कार प्राप्त किया. छावनी बोर्ड की श्रेणी में अहमदाबाद को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला . इस श्रेणी में अहमदाबाद के बाद मेरठ और दिल्ली को स्थान प्राप्त हुआ.
नवी मुम्बई को 10-40 लाख आबादी वाले शहरों के तहत ‘बड़े स्वच्छ शहर' की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिला. इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह उपलब्धि अभूतपूर्व सामूहिक प्रयासों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि इस अभियान ने सही अर्थो में जन आंदोलन का रूप लिया है.
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