2 दिन में 300 से अधिक फ्लाइट कैंसिल, कई लेट; इंडिगो एयरलाइंस को आखिर हुआ क्या?

Indigo Flights: डीजीसीए ने इंडिगो को तुरंत मुख्यालय में पेश होकर पूरी स्थिति बताने और देरी रद्दीकरण कम करने की योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है. वहीं नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों के क्रियान्वयन पर एयरलाइन को अतिरिक्त गाइडेंस दिया है.

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बड़ी समस्या से जूझ रही इंडिगो एयरलाइंस
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  • इंडिगो एयरलाइन्स की उड़ानों में नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों का वजह से पायलटों की भारी कमी हुई है.
  • दो दिनों में केवल 35% फ्लाइट्स ही समय पर उड़ सकीं जबकि प्रतिदिन 2000 से अधिक उड़ानें संचालित होती है.
  • नवंबर में इंडिगो की 1200 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं जिनमें से अधिकांश क्रू और नए नियमों की वजह से रद्द की गईं .
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नई दिल्ली:

भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो एयरलाइन्स इन दिनों बड़ी समस्या से जूझ रही है. मंगलवार और बुधवार, दो दिनों के अंदर देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर कई उड़ाने काफी देरी से रवाना हुईं और कुछ उड़ानें रद्द भी करनी पड़ी. इस वजह से हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंस गए, टर्मिनलों पर लंबी कतारें लग गईं, और यह सवाल भी उठने लगा कि अचानक उड़ानों के शेड्यूल में क्या गड़बड़ हुई.

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2 दिसंबर (मंगलवार) को इंडिगो की सिर्फ 35% उड़ानें ही समय पर उड़ सकीं, जबकि एयरलाइन प्रतिदिन 2,200 से ज़्यादा उड़ानें संचालित करती है. बुधवार (3 दिसंबर) को भी हालात गंभीर रहे और दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु सहित कई हवाई अड्डों पर दोपहर तक करीब 200 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

एफडीटीएल क्या है?

दरअसल, एयरलाइन पिछले महीने से लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के बाद से तेजी से बढ़ती पायलट कमी का सामना कर रही है. ये नए नियम क्रू के लिए अधिक मानवीय और आरामदायक रोस्टरिंग सुनिश्चित करते हैं.

भारत में डीजीसीए जैसी नियामक संस्था फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के मानक को लागू करते हैं. यह एक तरह की उड़ान ड्यूटी समय सीमाएं, जो अधिकतम उड़ान घंटे, ड्यूटी अवधि और न्यूनतम आराम की आवश्यकताएं तय करके विमानचालक दल की थकान को रोकने के लिए बनाए गए नियम हैं. ये नियम सुनिश्चित करते हैं कि उड़ान चालक दल के सदस्यों को संचालन के दौरान सुरक्षा और दक्षता बनाए रखने के लिए पर्याप्त आराम मिले.

कई एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि इंडिगो की देरी और रद्द उड़ानों ने बुधवार को बड़े पैमाने पर संचालन में बाधा पैदा की और स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि क्रू की भारी कमी के कारण उड़ानें लगातार देरी से चल रही हैं. कुछ उड़ानों में तो कैबिन क्रू ही उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्हें रद्द करना पड़ा. एयरलाइन क्रू को अलग-अलग बेस पर भेजकर उड़ानें संचालित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कमी इतनी गंभीर है कि हालात काबू से बाहर हो गए हैं. 

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उन्होंने कहा कि कौन सोच सकता था कि इंडिगो जिसकी पहचान ही समय पर उड़ान (OTP) है, उसकी ओटीपी 35% तक गिर जाएगी. सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार दो दिनों के भीतर इंडिगो की 300 से अधिक पुरानी रद्द की गई हैं, जबकि कई उड़ाने 7 से 8 घंटे देरी से चल रही हैं.

इंडिगो ने बताई समस्या की वजह

एयरलाइंस ने इस समस्या को लेकर आधिकारिक बयान भी जारी किया. इंडिगो की प्रवक्ता ने कहा, " पिछले दो दिनों से हमारी उड़ानों में काफी देरी और गड़बड़ियां हुई हैं, जिसके लिए कंपनी अपने सभी यात्रियों से माफी मांगती है. कई संचालन चुनौतियों जैसे छोटी तकनीकी दिक्कतें, सर्दियों की वजह से बदला हुआ शेड्यूल, खराब मौसम, हवाई यातायात में बढ़ा दबाव और नए क्रू रोस्टरिंग नियम की वजह से बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा, जिसका असर उड़ानों पर देखने को मिला है. "

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उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव, यात्रियों को मिलेगा रिफंड

इंडिगो ने कहा कि स्थिति को संभालने के लिए हम अगले 48 घंटों के लिए उड़ान शेड्यूल में कुछ बदलाव किए हैं, ताकि संचालन जल्दी सामान्य हो सके और समय पर उड़ानें फिर से शुरू की जा सकें. टीम लगातार काम कर रही हैं, ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो. जिन यात्रियों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं, उन्हें नई यात्रा व्यवस्था या जरूरत पड़ने पर रिफंड दिया जा रहा है.

यात्रियों के लिए जारी की ट्रैवेल एडवाइजरी

इंडिगो ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी फ्लाइट की ताज़ा स्थिति कंपनी की वेबसाइट पर चेक कर लें. एयरलाइंस ने कहा कि यात्रियों को हुई असुविधा का पूरा अफसोस है और वे जल्द से जल्द हालात सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.

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समस्या क्यों बड़ी है?

दरअसल इंडिगो के सामने यह समस्या साल के सबसे व्यस्त यात्रा समय पर आई है, जब भारत में हर दिन 5 लाख या उससे अधिक घरेलू यात्री सफर कर रहे हैं. इंडिगो का घरेलू बाज़ार में 60% से अधिक हिस्सा है. ऐसे में जब उसकी 65% उड़ानें एक ही दिन देरी से चलें, तो इसका असर आसानी से समझा जा सकता है. ऐसी देरी का रिपल इफ़ेक्ट लंबे समय तक उड़ानों को प्रभावित करता रहता है.

एयरपोर्ट से जुड़ी समस्याएं हालात को और बिगाड़ रही हैं. उदाहरण के लिए, दिल्ली एयरपोर्ट पर बुधवार को इंडिगो की बैगेज मैसेजिंग सिस्टम काम नहीं कर रही थी. सूत्रों के मुताबिक, टर्मिनल 1 पर बैग मिलने में भारी अव्यवस्था रही और कुछ हद तक टर्मिनल 3 पर भी दिक्कतें नजर आईं.

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1200 से अधिक उड़ानें रद्द 

भारत सरकार का नियामक निकाय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा कि इंडिगो की नवंबर में 1,232 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें से 755 फ्लाइट्स क्रू और एफडीटीएल नियमों की वजह से रद्द हुईं हैं. एटीसी सिस्टम फेलियर (92), एयरपोर्ट/एयरस्पेस प्रतिबंध (258) और अन्य कारणों से 127 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

ओटीपी परफॉर्मेंस गिरा 

डीजीसीए ने कहा कि इस चुनौती पूर्ण वक्त में इंडिगो की समय पर उड़ान (OTP) परफॉर्मेंस भी बुरी तरह प्रभावित रही. नवंबर में ओटीपी 67.70%, जबकि अक्टूबर में यह 84.1% थी.देरी के प्रमुख कारणों में एटीसी (16%), क्रू/ऑपरेशंस (6%), एयरपोर्ट इश्यूज़ (3%) और अन्य कारण (8%) शामिल हैं.

DGCA ने मामले का लिया संज्ञान 

डीजीसीए ने इंडिगो को तुरंत मुख्यालय में पेश होकर पूरी स्थिति बताने और देरी रद्दीकरण कम करने की योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है. वहीं नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों के क्रियान्वयन पर एयरलाइन को अतिरिक्त गाइडेंस दिया है. इंडिगो को क्रू प्लानिंग मजबूत करने, एटीसी –एयरपोर्ट समन्वय बढ़ाने और टर्नअराउंड प्रक्रियाएं सुधारने के निर्देश दिए हैं.

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