अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान देश की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ प्रतिष्ठित हुई : RSS चीफ मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
इंदौर:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि कई सदियों से परचक्र (दुश्मन का आक्रमण) झेलने वाले भारत की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी.

भागवत ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय को इंदौर में ‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार' प्रदान करने के बाद एक समारोह में यह बात कही.

राय को यह पुरस्कार ऐसे वक्त प्रदान किया गया, जब अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर बने मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा को हिंदू पंचांग के मुताबिक 11 जनवरी को एक साल पूरा हुआ है.

संघ प्रमुख ने पुरस्कार समारोह में कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी का विरोध करने के लिए शुरू नहीं किया गया था.

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन भारत का ‘स्व' जागृत करने के लिए शुरू किया गया था, ताकि देश अपने पैरों पर खड़ा होकर दुनिया को रास्ता दिखा सके.

भागवत ने यह भी कहा कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान देश में कोई कलह नहीं हुआ.

Advertisement

वहीं, राय ने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा कि वह यह पुरस्कार राम मंदिर आंदोलन में शामिल उन सभी ज्ञात-अज्ञात लोगों को समर्पित करते हैं, जिन्होंने अयोध्या में यह मंदिर बनाने में सहयोग किया.

उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के अलग-अलग संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में बना यह मंदिर ‘हिंदुस्तान की मूंछ' (राष्ट्रीय गौरव) का प्रतीक है और वह इस मंदिर के निर्माण के निमित्त मात्र हैं.

Advertisement

‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार' इंदौर की सामाजिक संस्था ‘श्री अहिल्योत्सव समिति' की ओर से हर साल दिया जाता है. लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन इस संस्था की अध्यक्ष हैं.

महाजन ने पुरस्कार समारोह में कहा कि इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई का शहर में भव्य स्मारक बनाया जाएगा, ताकि लोग उनके जीवन चरित्र से परिचित हो सकें.

Advertisement

इससे पहले, ‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार' नानाजी देशमुख, विजयाराजे सिंधिया, रघुनाथ अनंत माशेलकर और सुधा मूर्ति जैसी हस्तियों को दिया जा चुका है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जगहों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है | Mohan Yadav
Topics mentioned in this article