देश के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का 104 साल की उम्र में निधन, जानें- हिमाचल चुनाव को कैसे बना गए खास?

श्याम सरन नेगी ने स्वतंत्र भारत में अपना पहला वोट 23 अक्टूबर 1951 को कल्पा मतदान केंद्र में डाला था.

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श्याम सरन नेगी ने निधन से तीन दिन पहले विधानसभा चुनाव के लिए भी वोट डाला था.
नई दिल्ली:

स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 104 वर्षीय श्याम सरन नेगी का शनिवार सुबह निधन हो गया. सरन नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के रहने वाले थे. उन्होंने आजादी के बाद से अब तक हर चुनाव में मतदान किया है. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने निधन से तीन दिन पहले 2 नवंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भी वोट डाला था. उनके लिए चुनाव आयोग ने रेड कारपेट बिछाई थी, उन्होंने पोस्टल बैलेट के जरिए अपने वोट डाला था.

प्रशासन ने जानकारी दी है कि राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

उनके निधन पर भारतीय चुनाव आयोग ने दुख जाहिर किया है. चुनाव आयोग ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता ही नहीं थे, वह लोकतंत्र में हद से ज्यादा आस्था रखने वाले व्यक्ति भी थे. चुनाव आयोग ने श्याम सरन नेगी के निधन पर शोक व्यक्त करता है. हम राष्ट्र के लिए उनकी सेवा के लिए सदा आभारी हैं.'

एक अन्य ट्वीट में चुनाव आयोग ने लिखा है, 'उन्होंने लाखों लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया है. निधन से पहले भी उन्होंने 2 नवंबर को पोस्टल बैलेट के जरिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया था.'

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दुख जताते हुए ट्वीट किया है, 'स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं. उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी. ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें.'

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हिमाचल प्रदेश भाजपा ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी जी के निधन पर भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश गहरा दुःख एवं संवेदना प्रकट करती है. भगवान दिवंगत पुण्यात्मा को शांति एवं सद्गति प्रदान करे.'

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नेगी ने स्वतंत्र भारत में अपना पहला वोट 23 अक्टूबर 1951 को कल्पा मतदान केंद्र में डाला था. उन्होंने अब तक 34 बार वोट डाले हैं, जो 2 नवंबर को उनका आखिरी मतदान बन गया.  

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आजाद भारत में सबसे पहले लोकसभा चुनाव फरवरी 1952 में हुए थे लेकिन भारी बर्फबारी की आशंका के कारण हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए पांच महीने पहले ही मतदान कराने की व्यवस्था की गई थी और सबसे पहले श्याम सरण नेगी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.  सर्दियों के मौसम में काल्पा में चार से पांच फुट तक बर्फ गिरती है और तापमान शून्य से 20 डिग्री और कभी कभी इससे भी नीचे चला जाता है. 

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