'बच्चे के लिए दूध और पीने के लिए पानी नहीं' : काबुल एयरपोर्ट के बाहर इंतजार कर रही एक महिला की मां का दर्द

अफगानिस्तान के एक नागरिक से शादी करने वाली 32 वर्षीय महिला पिछले तीन दिनों से वहां सुरक्षित स्थान पर ले जाने की उम्मीद में इंतजार कर रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

तालिबान के कब्जे के बाद से भारत सरकार अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने की कोशिश में लगी है. महिलाओं और बच्चों समेत सैंकड़ों लोग वहां फंसे हुए हैं. भारतीय वायुसेना के विमान वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए पिछले कुछ दिनों से उड़ान भर रहे हैं, लेकिन कई लोग डरे हुए, थके हुए और हताश हैं.

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के बाहर ऐसे ही इंतजार कर रही एक महिला की भारतीय मां ने एनडीटीवी से उन परिस्थितियों के बारे में बताया, जिससे उनकी बेटी और दो साल का नाती गुजर रहा है. अफगानिस्तान के एक नागरिक से शादी करने वाली 32 वर्षीय महिला पिछले तीन दिनों से वहां सुरक्षित स्थान पर ले जाने की उम्मीद में इंतजार कर रही है.

32 वर्षीय महिला की चिंतित मां ने कहा, "उन्हें तीन दिन पहले भारतीय दूतावास में लोगों ने बिना किसी सामान के (काबुल) हवाई अड्डे पर आने के लिए कहा था. तीन दिनों से उन्हें हवाई अड्डे के पास एक वेडिंग हॉल में रखा गया था और बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया था.'

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उन्होंने कहा, "पिछली रात करीब 12 बजे उन्हें फिर से एक बस में हवाई अड्डे पर ले जाया गया. वे सभी आज सुबह 11 बजे तक बस में इंतजार कर रहे थे. फिर तालिबान के लोग आए और उनमें से करीब 150 को ले गए. मेरा दामाद पास में ही रहता है. उसने अपने छोटे भाई को बुलाया और मेरी बेटी को वहां से ले जाने में कामयाब रहा."

कुछ देर बाद तालिबान के लोगों ने उनके कागजात चेक करके उन्हें छोड़ दिया. लेकिन महिला और बेटा अभी भी एयरपोर्ट के बाहर इंतजार कर रहे हैं. महिला की मां के अनुसार, वह पूरी तरह से डरी और घबराई हुई है.

साथ ही बताया, 'एक तरह से वह पिछले तीन दिनों से सड़क पर है. बच्चे के लिए दूध नहीं है. पीने के लिए पानी नहीं है.' मैं भारत सरकार से उन्हें सकुशल वापस लाने का अनुरोध करता हूं. महिला के मुताबिक, लगभग 250-300 भारतीय अभी भी वेडिंग हॉल के अंदर बंद हैं.

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