आंखों में दर्द पर चेहरे पर... ईरान में फंसे भारतीय के पिता बोले- कौम के लिए 4 बेटे भी शहीद हो जाएं तो गम नहीं

रवीश ज़ैदी के पिता अमीर अब्बास ज़ैदी ने बताया कि जिस न्यूज़ चैनल के दफ्तर पर हमला हुआ, उनके बेटे हमले के वक़्त उसी इमारत से मात्र 20 सेकेंड पहले बाहर निकले थे. फ़िलहाल ईरान में इंटरनेट ठीक तरीक़े से नहीं चल रहा, इसलिए हाल चाल ले पाना मुश्किल है.

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ईरान में काम कर रहे युवक के पिता.
लखनऊ:

इजराइल और ईरान के बीच युद्ध जारी है. दोनों ही देशों में सैकड़ों-हजारों भारतीय हैं, जो इन देशों में नौकरी करने, ज़ियारत करने या घूमने गए और फंस गए हैं. आम तौर पर फंसे लोगों के परिजनों में डर होता है लेकिन ईरान में नौकरी कर रहे एक भारतीय के परिवार ने डर नहीं बल्कि बेटे की शहादत की ख़्वाहिश दिखाई.  ईरान के जिस न्यूज चैनल के ऑफिस में हुए हमले के बाद न्यूज़ पढ़ रही एंकर भागती हुई दिख रही है, उसी चैनल में काम करने वाले एक रिपोर्टर का परिवार लखनऊ में रहता है. रवीश ज़ैदी नाम के ईरान के रिपोर्टर के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि अगर उनके बेटे की ईरान में शहादत हो जाती तो उन्हें ख़ुशी होती. रवीश क़रीब 13-14 साल से ईरान में हैं. वहां एक न्यूज़ चैनल में काम करते हैं.

मेरा बेटा कुर्बान हो जाएगा फिर भी मुझे गम नहीं: अब्बास ज़ैदी

रवीश ज़ैदी के पिता अमीर अब्बास ज़ैदी ने बताया कि जिस न्यूज़ चैनल के दफ्तर पर हमला हुआ, उनके बेटे हमले के वक़्त उसी इमारत से मात्र 20 सेकेंड पहले बाहर निकले थे. फ़िलहाल ईरान में इंटरनेट ठीक तरीक़े से नहीं चल रहा, इसलिए हाल चाल ले पाना मुश्किल है. पिता ने कहा कि मेरा बेटा वहां क़ौम की हिफ़ाज़त के लिए कुर्बान हो जाए, हम यह चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ एक नहीं बल्कि हमारे 4 बेटे भी क़ौम के लिए शहीद हो जाएं तो हमे ग़म नहीं.

ऐसा नहीं कि हर कोई शहादत की बात कर रहा. कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके परिजन ईरान में फंसे हैं और वो अपनों को लेकर डरे हुए हैं. लखनऊ से 90 लोगों का दल मई में ईरान ज़ियारत करने गया था. 13 जून को इनकी वापसी होनी थी लेकिन इज़राइल-ईरान युद्ध की वजह से वापसी ना हो सकी. लखनऊ के ही रहने वाले अली मोहम्मद की पत्नी और तीन बेटियां भी इस वक़्त ईरान में फंसी हुई हैं. 

अली मोहम्मद बता रहे हैं कि किसी तरह सिर्फ़ ह्वाट्सऐप चैट पर बात हो पा रही है. उनकी पत्नी और बेटियां ज़ियारत पर गए अन्य लोगों के साथ एक होटल में हैं. उनके पास पैसे भी ख़त्म हो गया हैं और वापस आने का रास्ता भी दिखाई नहीं दे रहा. अली मोहम्मद ने भारत सरकार से गुज़ारिश की है कि जैसे यूक्रेन से भारतीयों की वापसी हुई थी, वैसे ही सरकार को ईरान में फंसे भारतीयों को वापस लाने का इंतज़ाम करना चाहिए.

शिया धर्मगुरु ने पीएम मोदी को लिखा खत

ईरान में फंसे भारतीयों को लेकर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर ईरान में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाने के इंतज़ाम की गुज़ारिश की है. ईरान और इज़राइल युद्ध के बीच ईरान में अकेले लखनऊ के सैकड़ों लोग हैं, जो फंसे हुए हैं. उनके परिजन परेशान हैं. जिस तरह की बातें ईरान में फंसे लोग बता रहे हैं, उसके मुताबिक़ वहां हालात सामान्य नहीं हैं. लोगों में अपनों को लेकर डर है और सरकार से ये लोग अपनों को सुरक्षित वापस लाने का आग्रह कर रहे हैं. 

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