2030 तक भारतीय रेलवे विश्व की पहली प्रदूषण मुक्त रेलवे बन जाएगी: पीयूष गोयल

रेलवे को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने और जनता को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जो कार्यक्रम तैयार किया गया है. उससे वर्ष 2030 तक रेलवे अनेक मार्गों पर बुलेट और सेमी बुलेट सेवा देने में कामयाब हो जाएगी.

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केंद्रीय रेल मंंत्री पीयूष गोयल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Rail Minister Piyush Goyal) ने कहा कि जिस तरह से आत्मनिर्भर बजट (Atmanirbhar bharat budget) में प्रस्ताव रखे गए हैं. उससे भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक विश्व की पहली प्रदूषण रहित रेलवे बन जाएगी. दिल्ली भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल और मीडिया प्रमुख नवीन कुमार भी उपस्थित थे. पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के आने वाले समय की योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि अगले तीन सालों में सभी ट्रेनें डीजल मुक्त हो जाएगी, जिसके कारण पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में सहायता मिलेगी.

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रेलवे को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने और जनता को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जो कार्यक्रम तैयार किया गया है. उससे वर्ष 2030 तक रेलवे अनेक मार्गों पर बुलेट और सेमी बुलेट सेवा देने में कामयाब हो जाएगी. उन्होंने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का काम अहमदाबाद की ओर से शुरू करने के लिए निविदायें दी जा चुकी हैं. गुजरात में परियोजना के लिए जरूरी भूमि में 90 प्रतिशत का अधिग्रहण किया जा चुका है. महाराष्ट्र में भूमि न मिलने के कारण इस परियोजना का काम लगभग ठप है, इसमें तेजी लाने के लिए राज्य सरकार से वार्ता की जा रही है. इसके अलावा देश में 7 मार्गों पर सभी बुलेट ट्रेन सेवा देने की तैयारियां भी जारी है.

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गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिजली और नवीकरण ऊर्जा के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं. यही कारण है कि वर्ष 2030 तक नवीकरण ऊर्जा द्वारा 450000 मेगावाट बिजली उत्पादन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस अवधि तक बिजली चलित वाहनों को देशभर में चलाने का प्रयत्न किया जा रहा है. अगले 10 वर्षों में देश भी पूरी तरह से बिजली आधारित दो पहिया और चार पहिया वाहनों का भी उत्पादन और चलाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए बड़े स्तर पर अनुदान देने का प्रस्ताव है.

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