पहला मेड-इन-इंडिया एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत जिम्मेदारी नहीं, जरूरी है : नौसेना

INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान है क्योंकि इसे पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है. तकनीक से लेकर इसके कलपुर्जे यहां तक कि जहाज में इस्तेमाल होने वाला स्टील भी भारत में ही बना है. INS विक्रांत का जिक्र आज पीएम नरेंद्र मोदी ने भी लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में किया.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
23,000 करोड़ रुपये की लागत से बने Vikrant का हाल ही में समुंद्र में ट्रायल हुआ था.
नई दिल्ली:

भारतीय नौ सेना (Indian Navy) ने दावा किया है कि भारत को समुद्री हित के अपने क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए कम से कम तीन एयरक्राफ्ट कैरियर की आवश्यकता है. सेना ने यब बयान उन अटकलों और चर्चाओं के बीच दिया है, जिसमें ये कहा गया है कि ऐसे एयरक्राफ्ट कैरियर सेना की जिम्मेदारी बन गए हैं.

विश्लेषकों द्वारा दिए गए बयानों का उल्लेख करते हुए  कमांडर विद्याधर हरके, जो भारत के नए एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत की कमान संभालेंगे, ने कहा है कि ये "एक गलत धारणा या बयान" है कि आधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर हमारे लिए एक दायित्व (Liability) बन गए हैं.

पिछले सप्ताह एक ऑनलाइन लेख में, सुरक्षा विश्लेषक भरत कर्नाड ने INS विक्रांत जैसे विमानवाहक पोतों की "अत्यधिक भेद्यता" की तुलना "सुपरसोनिक और जल्द ही हाइपरसोनिक, एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों से की थी और कहा था कि ये सभी संभावित विरोधी नौसेनाओं में तैनात होंगे".

MH-60R हेलीकॉप्टर और P-8 पोसाइडन से भारत-अमेरिकी नौसेना में भागीदारी बढ़ेगी : पेंटागन

कमांडर हरके ने विश्लेषक की राय पर असहमति जताते हुए कहा कि उनका तर्क इस विचार पर आधारित है कि वर्तमान में कोई रक्षात्मक प्रणाली उपलब्ध नहीं है जो आने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल को रोक सके. उन्होंने कहा कि समुद्र में कोई परिचालन मंच नहीं है जहां एक क्षेत्र-वर्चस्व मिशन चल रहा हो.

उन्होंने कहा, "एयरक्राफ्ट कैरियर किसी भी सतह, उप-सतह या हवाई खतरे को दूर करने के लिए पहुंच प्रदान करता है. समापन जहाज (ऐसे जहाज जो एक वाहक युद्ध समूह का हिस्सा होते हैं) वाहक के साथ मिलकर काम करते हैं. इसलिए यह एक दायित्व नहीं, जरूरत है."  

बता दें कि INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान है क्योंकि इसे पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है. तकनीक से लेकर इसके कलपुर्जे यहां तक कि जहाज में इस्तेमाल होने वाला स्टील भी भारत में ही बना है. INS विक्रांत का जिक्र आज पीएम नरेंद्र मोदी ने भी लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में किया.

Advertisement

पिछले दिनों INS विक्रांत का पहली बार समुद्र में ट्रायल हुआ. 5 दिन की अपनी पहली यात्रा में INS विक्रांत के हर सिस्टम ने अपना पूरा काम किया. ट्रायल के बाद ये एयरक्राफ्ट कैरियर अब नौसेना में शामिल होने को तैयार है.
 

Featured Video Of The Day
Maharashtra Accident BREAKING: Pune में डंपर ने फुटपाथ पर सो रहे 9 लोगों को कुचला, 3 की मौत