INS विराट के संग्रहालय में बदलने की उम्मीद धुंधलाई, ट्रांसफर के लिए रखी गई असंभव शर्तें

एन्वीटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्रा. लि. इस युद्धपोत को खरीदना चाहती है और गोवा की सरकार के साथ मिलकर इसे संग्रहालय में तब्दील करने की इच्छुक है लेकिन श्रीराम ग्रुप ने कठिन शर्तें रख दी हैं.

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नई दिल्ली:

नौसेना (Indian Navy) के पूर्व विमानवाहक युद्धपोत INS विराट के संग्रहालय में तब्दील करने की उम्मीद अब धुंधली होती दिख रही है. गुजरात की एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जो युद्धपोत को समुद्री संग्रहालय में बदलने का इरादा रखती है, उसके सामने कठिन और असंभव शर्तें रखी गई हैं. अलंग स्थित श्रीराम शिप-ब्रेकर के अध्यक्ष मुकेश पटेल ने एनडीटीवी को बताया, "अगर सरकार द्वारा NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) मिलता है और वे (एनविटेक) एकमुश्त पूरा भुगतान करते हैं, तो यह संभव है."

यह भुगतान करीब 110 करोड़ रुपये हो सकता है. पहले आई रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि श्री राम ग्रुप ने सरकार द्वारा संचालित मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MSTC) से ई-नीलामी के जरिए इस युद्धपोत को 38 करोड़ रुपये में खरीदी थी लेकिन अब उसकी कीमत 110 करोड़ रुपये वसूलना चाह रही है.

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बता दें कि श्री राम समूह की अंतिम पेशकश ने एनविटेक द्वारा युद्धपोत खरीद को कठिन बना दिया है क्योंकि खरीदार कंपनी को पूर्ण और अंतिम भुगतान करने से पहले अलंग में गाद में समा चुके युद्धपोत का निरीक्षण करना चाहता है. एनडीटीवी को पता चला है कि एनविटेक श्री राम ग्रुप को एक अंतरिम भुगतान करने के लिए तैयार था, लेकिन उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया. इसके अलावा एनविटेक ने श्रीराम ग्रुप को जो समझौते का ज्ञापन (MoA) सौंपा है, उसमें युद्धपोत का निरीक्षण करने की बात कही गई है. इसके अलावा तीसरी इंडिपेंडेट पार्टी से उसके मूल्यांकन का प्रस्ताव रखा गया है.

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NDTV को सितंबर में दिए गए एक बयान में श्री राम ग्रुप (Shree Ram Group) के चेयरमैन और एमडी मुकेश पटेल ने कहा था कि वह सबसे बड़ी बोली लगाने वाले को युद्धपोत बेचना चाहती है. लेकिन रक्षा मंत्रालय का दावा है कि अलंग स्थित शिपब्रेकर कंपनी श्री राम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, जिसने नौसेना की सेवा खत्म होने के बाद इसे खरीदा था, वह अब इसे बेचने के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है. आईएनएस विराट भारतीय नौसेना का कभी मुख्य युद्धपोत था. इसे खरीदकर इनविटेक गोवा सरकार की मदद से संग्रहालय बनाना चाहती है.

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