मोबाइल बंद, गाड़ी का तेल खत्म, सऊदी अरब के सबसे बड़े रेगिस्तान में भटके दो दोस्तों की दर्दनाक मौत

रेगिस्तान में भटका हुआ आदमी अपनी जान बचाने के लिए क्या कुछ नहीं करता. ऐसी ही कोशिश भारत के शख्स और उसके साथी ने की. लेकिन इतने दुर्गम इलाके में उनका जीपीएस फेल हो गया और बाइक का पेट्रोल भी खत्म हो गया. आखिर में दोनों दोस्तों की दर्दनाक मौत हो गई.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
रेगिस्तान में भटका तेलंगाना का युवक, भूख-प्यास से मौत
नई दिल्ली:

सऊदी अरब का सबसे दुर्गम और खतरनाक रेगिस्तान, जहां दूर-दूर तक सिर्फ रेत ही रेत है, ना पानी और पेड़ पौधे और ना ही लोगों की बसावट... ऐसी जगह तेलंगाना का एक 27 साल का युवक शहजाद और उसके सूडानी साथी की मौत हो गई. ये दोनों इसी रेगिस्तान के भंवर में ऐसे फंसे की फिर निकल नहीं पाए. करीमनगर निवासी मोहम्मद शहजाद खान, जो 3 साल से सऊदी अरब में एक टेलीकॉम कंपनी में काम कर रहे थे, वो एकदम उजाड़ और खतरनाक रुब-अल-खाली रेगिस्तान में अपने साथी के साथ फंस गए थे. ये रेगिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक है. 650 किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैला रुब अल खली अपने दुर्गम इलाके के लिए पहचाना जाता है, जहां सर्वाइल अपने आप में एक बड़ी चुनौती है.

जीपीएस फेल, बाइक में तेल खत्म...

जीपीएस सिग्नल फेल होने के बाद दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक रुब-अल-खाली में मोहम्मद शेहजाद खान (27) फंस गए थे. शेहजाद, सुडान के अपने एक दोस्त के साथ उस इलाके से गुजर रहे थे. जीपीएस फेल होने के कुछ देर बाद उनकी बाइक में तेल खत्म हो गया और मोबाइल की बैट्री भी खत्म हो गई, जिससे वे किसी से मदद नहीं मांग पाए. नतीजन दोनों रेगिस्तान की चिलचिलाती गर्मी में बिना भोजन या पानी के फंसे रह गए. हालांकि दोनों ने इतने ज्यादा तापमान में जीवित रहने के लिए पुरजोर संघर्ष किया, लेकिन दोनों ही प्यास और थकावट की वजह से बच नहीं पाए. शहजाद और उसके साथी के शव गुरुवार को चार दिन बाद रेत के टीलों में उनके वाहन के बगल में पड़े मिले.

(AI इमेज)

रुब-अल खाली बेहद दुर्गम इलाका

रुब-अल खाली को दुनिया के दुर्गम इलाकों में भी गिना जाता है. इसलिए इसे एम्प्टी डेजर्ट भी कहा जाता है. जो कि यह अरब के रेगिस्तान का सबसे बड़ा हिस्सा है, ये सऊदी के कुल क्षेत्रफल का एक-चौथाई है. रुब-अल खाली 650 किलोमीटर की लंबी दूरी तक फैला है. यह सऊदी अरब के दक्षिणी हिस्से और पड़ोसी देशों जैसे ओमान, यूएई और यमन तक फैला हुआ है. रुब-अल खाली दुनिया के सबसे सूखे इलाकों में से एक है. इस रेगिस्तान में रेत के नीचे पेट्रोलियम का विशाल भंडार भी है. साल 1948 में इसी रेगिस्तान के उत्तर-पूर्वी इलाके अल-गवार में दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार मिला था. 

Advertisement

यहां रहता है 56 डिग्री तापमान, ना पेड़-पौधे, न दूर-दूर तक दिखता है कोई इंसान
रुब अल खली दुनिया में निरंतर रेत का सबसे बड़ा क्षेत्र है.  पूरे सऊदी अरब के कुल क्षेत्रफल के एक चौथाई से अधिक क्षेत्र में ये फैला हुआ है.यहां की रेत महीन और मुलायम है. दुनिया के सबसे शुष्क क्षेत्रों में एक है, जहां पानी और खाना के साथ भी सर्वाइव करना आसान नहीं है, फिर इन दोनों युवकों के पास तो दोनों ही चीजें खत्म हो गई थी. सउदी अरब में मान्यता है कि रुब अल खाली में एक इरम नाम का शहर था , जो अब इस रेत में ही खो चुका है. यहां इक्के-दुक्के स्थानों पर अब भी कुछ कबीले रहते हैं. यहां बिच्छू और चूहे होते हैं. पेड़-पौधे काफी कम हैं. बताया जाता है कि कभी यहां कुछ हिस्सों में झीले हुआ करती थीं, लेकिन अब सूखे फर्श रह गए हैं. इस रेगिस्तान के पूर्वी छोर पर अम्म अस समीम जैसे इलाकों में कुछ सूखे नमक के मैदान हैं. यहां की रेत में फ्लेडस्पार मिश्रित है, जिससे उसका रंग लाल लगता है. यहां साल में 3 सेंटीमीटर से भी कम बारिश पड़ती है.  यहां दिन में औसत तापमान 47 डिग्री और कभी कभी 56 डिग्री तक भी पहुंच जाता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
ICC Arrest Warrants For Israel Benjamin Netanyahu | नेतन्याहू के लिए खतरा बढ़ा, होंगे गिरफ्तार?