भारतीय थल सेना को मिलेंगे 6 अमेरिकी अपाचे, टैंकों का काल है ये हेलीकॉप्‍टर

वायुसेना के पास पहले से 22 अपाचे हेलीकॉप्‍टर हैं. थल सेना को अपनी कार्रवाई में तेजी के लिये अटैक हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ती है. इससे दोनों में तालमेल बेहतर होगा और नतीजा भी शानदार निकलेगा.

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नई दिल्‍ली:

युद्ध के मैदान में अब इन्फेंट्री सोल्जर को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा. दुश्मन के टैंक हो या फिर कोई बड़ा हमला, उनको बर्बाद करने के लिये सेना को अटैक हेलीकॉप्टर मिलेगा. अगले साल थल सेना को 6 अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टर मिलेंगे. इससे भारतीय सेना की ताकत में यकीनन इजाफा होगा. 

टैंकों का काल है अपाचे 
वायुसेना के पास पहले से 22 अपाचे हेलीकॉप्‍टर हैं. थल सेना को अपनी कार्रवाई में तेजी के लिये अटैक हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ती है. इससे दोनों में तालमेल बेहतर होगा और नतीजा भी शानदार निकलेगा. 

अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत
अपाचे हेलीकॉप्टर की रफ्तार 290 किलोमीटर प्रति घंटा है. 
20 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है.
360 डिग्री कवरेज एरिया होने से यह और भी खतरनाक हो जाता है.
अपाचे को रेगिस्तान इलाके में तैनात किया जाएगा. 
सही मायने में यह एडवांस मल्टीरोल कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है.
एक साथ कई मोर्चे पर लड़ने में सक्षम है.

अपाचे है घातक हेलीकॉप्टर
हवा से हवा और हवा से जमीनी हमले करने वाली मिसाइल अपाचे में लगी हैं. हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल से भी ये लैस हैं. साथ ही, 70 एमएम की हाइड्रा रॉकेट भी लगे हैं. 1200 राउंड वाली 30 एमएम की चेन गन भी लगी है. ये हेलीकॉप्‍टर दिन-रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं. इस हेलीकॉप्‍टका डिजाइन  इस तरह का है, जिसे रडार आसानी से पकड़ नहीं सकता.

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