रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक से ज्यादा इलाकों में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने की चीनी सेना की ‘‘एकतरफा और भड़काऊपूर्ण कार्रवाई' का ‘‘मजबूती'' से जवाब दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सैनिक चीनी सैन्यबलों के किसी भी ‘दुस्साहस' का जवाब देने के लिए उत्साह से लबरेज है और भारतीय सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार है और दोस्ताना तरीके से मुद्दे का समाधान करने के लिए बातचीत आगे बढ़ रही है. गलवान घाटी की झड़प का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी पक्ष में भी ‘‘बहुत हताहत हुए.''
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गलवाल घाटी में 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हो गयी थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गये थे.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘LAC पर एक से ज्यादा इलाकों में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने की चीनियों की एकतरफा और भड़काऊपूर्ण कार्रवाई का मजबूती और स्थिति को बिना बिगाड़ने वाले तरीके से जवाब दिया गया. पूर्वी लद्दाख में हमारे दावे की गरिमा सुनिश्चित की गयी.'' रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच के सभी नियमों और संधियों का पालन किया जबकि PLA ने अपरंपरागत हथियारों का इस्तेमाल करके और भारी संख्या सेना जुटाकर स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया''
भारत और चीन आठ महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद में उलझे हैं और उससे उनके रिश्ते बहुत तनावपूर्ण हो गये हैं.
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दोनों पक्षों ने इस विवाद के समाधान के लिए कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की लेकिन अब तक बात नहीं बन पाई है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एयरफोर्स की मदद से भारतीय सेना ने बहुत कम समय से सैनिकों की तैनाती की और बंदूक, टैंक, हथियार, राशन आदि वहां पहुंचाए. पंद्रह जून की घटना के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ गलवान घाटी में एक बड़ी झड़प में 20 बहादुर भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे और पीएएल को हमारे क्षेत्र में घुसने से रोका. चीनियों को भी बड़ा नुकसान हुआ था.'' रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा और वास्तवित नियंत्रण रेखा पर दुश्मनों का दृढतापूर्वक मुकाबला किया और उसने लगातार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए.