भारतीय सेना और वायु सेना का जॉइंट ऑपरेशन, 15000 फीट की ऊंचाई पर पहला सटीक पैरा-ड्रॉप ऑपरेशन

भीष्म ट्रॉमा केयर क्यूब की सफल पैरा-ड्रॉप और तैनाती ने सशस्त्र बलों के तालमेल और संयुक्तता का उदाहरण दिया और पहले उत्तरदाताओं के रूप में समय पर प्रभावी सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाया.

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दिल्ली:

भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना ने जॉइंट ऑपरेशन किया है. दोनों सेनाओं ने मिलकर 15,000 फीट के करीब ऊंचाई वाले क्षेत्र में आरोग्य मैत्री हेल्थक्यूब का अपनी तरह का पहला सटीक पैरा-ड्रॉप ऑपरेशन (Para-Drop Operation) किया है. इन क्रिटिकल ट्रॉमा केयर क्यूब्स को प्रोजेक्ट भीष्म (सहयोगहित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है.

हरक्यूलिस के जरिए पैरा-ड्रॉप ऑपरेशन

यह अभियान मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण आपूर्ति प्रदान करने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित किया गया था. भारतीय वायुसेना ने क्यूब को एयरलिफ्ट करने और पैरा-ड्रॉप करने के लिए अपने उन्नत सामरिक परिवहन विमान सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस का उपयोग किया.

ट्रॉमा केयर क्यूब की सफल तैनाती में अहम भूमिका

भारतीय सेना की पैरा ब्रिगेड ने अपने उन्नत प्रिसिशन ड्रॉप उपकरणों का उपयोग करते हुए, ट्रॉमा केयर क्यूब की सफल तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस प्रदर्शन ने दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में भी एचएडीआर संचालन को प्रभावी ढंग से समर्थन देने के लिए सैन्य संपत्तियों की क्षमता को रेखांकित किया.

समय पर प्रभावी सहायता देने को तत्पर

भीष्म ट्रॉमा केयर क्यूब की सफल पैरा-ड्रॉप और तैनाती ने सशस्त्र बलों के तालमेल और संयुक्तता का उदाहरण दिया और पहले उत्तरदाताओं के रूप में समय पर प्रभावी सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाया.

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