लैपटॉप पर काम करते-करते मौत! आखिर क्यों 'खोखले' हो रहे हम, यह रिपोर्ट पढ़िए

देश में युवाओं की हार्ट अटैक से मौत के कई मामले बीते कुछ समय में लगातार सामने आ रहे हैं. कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में 30 वर्षीय बैंक कर्मचारी की भी दफ्तर में काम करने के दौरान हार्ट अटैक का एक मामला सामने आया था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
भारतीय युवाओं में लगातार बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा (फोटो AI जेनरेटेड है)
नई दिल्ली:

महज 14, 19 22, 24, 26, 30 और 35 साल की उम्र में किसी शख्स की हार्ट अटैक से हुई मौत की खबर ने आपको हैरान और परेशान जरूर किया होगा लेकिन ये आज के दौर की वो सच्चाई है जिससे हम नजरें नहीं चुरा सकते. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के महोबा से एक ऐसी घटना सामने आई है. इस घटना को लेकर अब एक वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह से एक निजी बैंक के एग्री रीजनल मैनेजर अपनी सीट पर बैठकर रोजाना की तरह काम कर रहे हैं. उनके आसपास दो और सहयोगी बैठे हैं, जिनमें से एक से वो बात भी कर रहे हैं. हर रोज की तरह ही सब कुछ ठीक चल रहा होता कि एकाएक लैपटॉप पर काम करते-करते ही मैनेजर कुर्सी पर पीछे की तरफ झुकते हैं और पहले सिर और फिर चेहरे पर हाथ फेरते है. इसके बाद वह बेसुद होकर पीछे की तरफ झुक जाते हैं.

इस दौरान वहां बैठे उनके सहयोगियों को सब कुछ नॉर्मल लग रहा होता है. लेकिन जब कुछ सेकेंड के बाद उनके सहयोगियों ने उन्हें देखा तो वो बेसुद हालत में दिखे. इसके बाद उनके सहयोगी उन्हें कुर्सी से उताकर फर्श पर लिटा देते हैं और उनके हाथ और पैर की मालिश की जाती है. बाद में उन्हें अस्पताल भी ले जाया जाता है. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है. मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया गया है. जिस बैंक कर्मचारी की मौत हुई है उनका नाम राजेश कुमार शिंदे बताया जा रहा है. राजेश की उम्र महज 30 साल थी. राजेश की मौत से मौजूदा समय में युवाओं की दिनचर्या को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. 

आपको बता दें कि बीते दिनों लैंसेट की एक रिपोर्ट भी सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक देश की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी निष्क्रिय हो जाएगी. इसकी एक सबसे बड़ी वजह होगी सही तरीके से शारीरिक गतिविधियों का ना होना. इसी वजह से आबादी के इस हिस्से में बीमारी का खतरा भी बढ़ेगा. 

Advertisement

लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से 2022 के बीच 197 देशों के लोगों पर स्टडी की गई थी. जिसमें पाया गया कि साल 2022 में 52.6 प्रतिशत महिलाएं और 38.4 प्रतिशत पुरुष शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं थे. लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित नए आंकड़ों के अनुसार, 42 प्रतिशत पुरुष की तुलना में 57 प्रतिशत ज्यादा महिलाएं शारीरिक रूप से इनएक्टिव हैं. सबसे चिंता की बात यह है कि भारतीय वयस्कों में फिजिकली इनएक्टिव होना साल  2000 में 22.3 प्रतिशत से तेजी से बढ़कर 2022 में 49.4 प्रतिशत पहुंच गया. 

Advertisement

अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में भारत 195 देशों में 12वें पायदान पर है. दुनिया भर में, करीब एक तिहाई (31 प्रतिशत) वयस्क यानी कि करीब 1.8 बिलियन लोगों ने 2022 में शारीरिक गतिविधि के रिकमेंडेड स्तर को पूरा नहीं किया. WHO में डारेक्टर ऑफ हेल्थ प्रमोशन डॉ. रुडिगर क्रेच का कहना है कि इसका कारण, काम के पैटर्न में बदलाव, पर्यावरण में बदलाव, सुविधाजनक परिवहन मोड और ख़ाली समय की गतिविधियों में बदलाव शामिल है. सबसे ज्यादा शारीरिक निष्क्रियता एशिया-प्रशांत क्षेत्र (48 प्रतिशत) और दक्षिण एशिया (45 प्रतिशत) सामने आई है. अन्य क्षेत्रों में निष्क्रियता का स्तर पश्चिमी देशों में 28 प्रतिशत से लेकर 14 प्रतिशत तक है. (खबर में इस्तेमाल की गई कुछ तस्वीरें AI जेनरेटेड हैं)

Advertisement
Featured Video Of The Day
ICC Arrest Warrants For Israel Benjamin Netanyahu | नेतन्याहू के लिए खतरा बढ़ा, होंगे गिरफ्तार?