अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने आज एनडीटीवी को बताया कि 50 प्रतिशत टीकाकरण के साथ भारत आत्मविश्वास में है. इस क्रम में कई देश 40 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने में अभी तक विफल रहे हैं. लेकिन अब भी कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर चिंता बनी हुई है, और देश को "मुद्रास्फीति पर नजर रखने" की जरूरत है. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "इस साल के अंत तक हर देश की 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य था. और बहुत से देशों ने इसे हासिल नहीं किया है. यह चिंता का विषय है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है."
भारत ने अब तक लगभग 96.7 करोड़ टीके की खुराक दी हैं और अगले सप्ताह एक अरब या 100 करोड़ के लैंडमार्क को पार करने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय सोमवार या मंगलवार को इस लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद कर रहा है.
सूत्रों ने कहा कि लगभग 73 प्रतिशत वयस्कों ने कम से कम एक खुराक प्राप्त की है, और लगभग 30 प्रतिशत को दोनों खुराक दी गई हैं.
गोपीनाथ ने कहा, "इतनी बड़ी आबादी के साथ, आपने (भारत) पहले से ही अपना 50 प्रतिशत टीका लगाया है जो आपको आत्मविश्वास देता है. लेकिन तीसरी लहर आने का जोखिम बना हुआ है." इससे पहले गोपीनाथ ने कहा था कि एक अच्छी टीकाकरण दर भी अर्थव्यवस्था के लिए सहायक है.
अमेरिका का जिकर करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट है और इसका अर्थव्यवस्था पर स्पिन-ऑफ प्रभाव पड़ रहा है.
भारत महामारी के चलते वित्तीय बाजार के संबंध में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. भारत को मुद्रास्फीति पर ध्यान देने की आवश्यकता है. गोपीनाथ ने कहा, "तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, बिजली की कटौती, ऊर्जा की कीमतें बढ़ रही हैं. लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि महामारी पर ध्यान केंद्रित करें, आत्मविश्वास को ऊंचा रखें (अधिक टीकाकरण के माध्यम से).
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