- भारत सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की योजना बना रही है.
- PM नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन के दौरान इस बात के संकेत दिए.
- पीएम ने कहा निजी क्षेत्र से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर और उन्नत तकनीकों के विकास में नए अवसर उत्पन्न होंगे.
Nuclear Power Sector: भारत परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए संसद के अगले सत्र में परमाणु ऊर्जा विधेयक को पेश किए जाने की तैयारी है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन के मौके पर भी इस बात के संकेत दिए. PM मोदी ने कहा, "हमारे सुधारों का दायरा लगातार बढ़ रहा है. जिस तरह हमने अंतरिक्ष नवाचार को निजी क्षेत्र के लिए खोला, उसी तरह अब हम एक और बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र में कदम उठा रहे हैं. हम परमाणु क्षेत्र को भी खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं."
पीएम मोदी ने कहा- निजी क्षेत्र मजबूत भूमिका की नींव रख रहे हैं
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम इस क्षेत्र में भी निजी क्षेत्र की एक मज़बूत भूमिका की नींव रख रहे हैं. इससे छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों, उन्नत रिएक्टरों और परमाणु नवाचार में अवसर पैदा होंगे. यह सुधार हमारी ऊर्जा सुरक्षा और तकनीकी नेतृत्व को नई ताकत देगा.
हैदराबाद में स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन
मालूम हो कि गुरुवार को पीएम मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप ‘स्काईरूट' के ‘इन्फिनिटी' परिसर का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया और सरकार के ‘ऐतिहासिक' अंतरिक्ष सुधारों पर प्रकाश डाला. पीएम ने अपने संबोधन में सरकार के ‘ऐतिहासिक' अंतरिक्ष सुधारों का जिक्र किया और कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी व्यक्तियों के लिए खोलने के परिणाम स्वरूप स्काईरूट और अन्य कंपनियां ऐसे नवाचारों के साथ सामने आई हैं.
पीएम मोदी बोले- स्पेस सेक्टर में 300 से ज्यादा स्टार्टअप
उन्होंने कहा कि आज भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में निजी क्षेत्र तेज़ी से उभर रहा है. उन्होंने कहा कि 300 से ज़्यादा अंतरिक्ष स्टार्टअप इस क्षेत्र को नई उम्मीदें जगा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन्फिनिटी कैंपस' भारत की नयी सोच, नवाचार और विशाल युवा शक्ति का प्रतिबिंब है. युवाओं का नवाचार, जोखिम उठाने की क्षमता और उद्यमिता नई ऊंचाइयों को छू रही है.''
भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र वैश्विक निवेशकों के लिए बना आकर्षक
मोदी ने कहा कि आज देश का अंतरिक्ष क्षेत्र वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बन रहा है और भारत की निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रतिभा दुनिया भर में अपनी पहचान बना रही है. उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा का वर्णन उसके प्रारंभिक चरण- जहां रॉकेट के भागों को साइकिल पर ले जाया जाता था - से लेकर ‘‘सबसे विश्वसनीय प्रक्षेपण यान'' के निर्माण तक किया.
स्टार्टअप और उद्योग को नवाचार से जोड़ा गया
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए हैं, इसे निजी क्षेत्र के लिए खोला है, नई अंतरिक्ष नीति बनाई है. स्टार्टअप और उद्योग को नवाचार से जोड़ा गया है, ‘इन-स्पेस' की स्थापना की गई है.'' उन्होंने कहा कि परमाणु क्षेत्र को भी निजी कंपनियों के लिए खोलने की योजना है.
स्काईरूट के इस अत्याधुनिक केंद्र में लगभग दो लाख वर्ग फुट का कार्यक्षेत्र होगा, जिसमें कई प्रक्षेपण वाहनों के डिजाइन, विकास, एकीकरण और परीक्षण की व्यवस्था होगी. इस परिसर में हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट तैयार करने की क्षमता है.
स्काईरूट भारत की प्रमुख निजी अंतरिक्ष कंपनी
स्काईरूट भारत की अग्रणी निजी अंतरिक्ष कंपनी है, जिसकी स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने की थी. दोनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIM) के पूर्व छात्र हैं और ISRO के पूर्व वैज्ञानिक भी रह चुके हैं. नवंबर 2022 में स्काईरूट ने अपना उप कक्षीय रॉकेट ‘विक्रम-एस' प्रक्षेपित किया था और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय निजी कंपनी बन गई.
यह भी पढ़ें - सपनों की ऊंचाई सिर्फ संसाधनों से तय नहीं होती...स्काईरूट के रॉकेट लॉन्च कर बोले पीएम मोदी













