"China ने नहीं सुनी मदद की गुहार, India तुरंत मदद को रहा तैयार" : Sri Lanka संकट पर अमेरिकी एजेंसी

"चीन (China) श्रीलंका (Sri Lanka) का सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया था जिसमें श्रीलंका को बिना साफ शर्तों के ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज दिया गया. यह 2000 के दशक के मध्य से ही श्रीलंका की सरकारों को कर्ज के जाल में फंसाने का तरीका था" - अमेरिकी एजेंसी USAID

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नई दिल्ली:

भारत (India) ने श्रीलंका (Sri Lanka) को आर्थिक संकट (Economic Crisis) से उबरने में बेहद जल्द आवश्यक मदद पहुंचाई लेकिन चीन (China) से की गई मदद की अपील का श्रीलंका को कोई जवाब नहीं मिला. भारत यात्रा पर आईं अमेरिकी मददगार संस्था USAID की प्रशासक समांथा पोवर (Samantha Power) ने बुधवार को यह जानकारी दी.  दिल्ली  IIT में भाषण देते हुए पोवर ने कहा कि चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया था जिसमें श्रीलंका को बिना साफ शर्तों के ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज दिया गया.

पोवर ने इसे लेकर भी हैरानी जताई कि क्या चीन श्रीलंका के लिए अपने कर्ज की शर्तों में कुछ बदलाव करेगा कि नहीं. 

पोवर 25-27 जुलाई तक भारत यात्रा पर आईं थीं. अमेरिका की एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट दुनिया की बड़ी मददगार संस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा, " भारत ने ज़रूरी उपायों के लिए बेहद जल्द प्रतिक्रिया दी." 

USAID प्रशासक समांथा ने भारत की तरफ से श्रीलंका को 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर या कहें कि करीब 100 करोड़ रुपए  कर्ज के तौर पर दिए जाने और देश के मुश्किल आर्थिक संकट से उबारने में अन्य तरह से मदद करने का भी जिक्र किया.  

उन्होंने कहा, " यह 2000 के दशक के मध्य से ही श्रीलंका की सरकारों को कर्ज के जाल में फंसाने वाले चीन से उलट कदम था" 
श्रीलंका (Sri Lanka) अभूतपूर्व आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब अमेरिकी डॉलर है. 

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