भारत ने इस सप्ताह कनाडा में अपने राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की कार्रवाइयों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए कनाडा के उच्चायुक्त को कल तलब किया. भारत सरकार ने कनाडा से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा कि ऐसे तत्वों को कनाडा पुलिस की उपस्थिति में भारत के राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा में सेंध लगाने की अनुमति कैसे दी गई?
भारत सरकार ने कनाडा की सरकार को वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों की याद दिलाई, और ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए कहा, जिन्हें पहले से ही इस तरह के कृत्यों में शामिल होने के रूप में पहचाना गया है. भारत सरकार ने कनाडा के उच्चायुक्त से कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि कनाडा सरकार हमारे राजनयिकों की सुरक्षा और हमारे राजनयिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगी ताकि वे अपने सामान्य राजनयिक कार्यों को पूरा करने में सक्षम हो सकें.
आपको बता दें कि बेंगलुरु में कल ही एक कार्यक्रम में एस जयशंकर ने कहा था, 'कई देश दूतावासों की सुरक्षा को लेकर बेहद लापरवाही बरतते हैं. उनकी अपनी सुरक्षा के बारे में बहुत अलग राय है और अन्य लोगों की सुरक्षा के बारे में एक अलग राय है, लेकिन मैं आपको एक विदेश मंत्री के रूप में बता सकता हूं कि हम इस तरह के अंतर वाले मानकों को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं."
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