- ओडिशा के चांदीपुर से अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो सभी तकनीकी और ऑपरेशनल मानकों पर खरा उतरा.
- अग्नि-5 मिसाइल की रेंज पांच हजार किलोमीटर से अधिक है और यह चीन के सभी बड़े शहरों को निशाना बना सकती है.
- यह मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित है, जिसमें प्रोपल्शन, रॉकेट, एवियोनिक्स और नेविगेशन शामिल हैं.
भारत ने अपनी सामरिक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन करते हुए अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (SFC) द्वारा ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से यह लॉन्च किया गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मिसाइल ने सभी ऑपरेशनल और टेक्निकल पैरामीटर पर खरा उतरते हुए लक्ष्य को सटीकता से भेदा। परीक्षण से पहले बंगाल की खाड़ी में नोटम (Notice to Airmen) जारी किया गया था_
खौफ का दूसरा नाम: अग्नि-5
- अग्नि-5 सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की सामरिक ताकत का प्रतीक है.
- रेंज: 5000 किलोमीटर से ज्यादा, चीन के सभी बड़े शहर इसके निशाने पर.
- तकनीक: पूरी तरह स्वदेशी—प्रोपल्शन सिस्टम, रॉकेट, एवियोनिक्स और एडवांस्ड नेविगेशन.
- खासियत: टारगेट प्रोग्राम होने के बाद इसे रोकना नामुमकिन; लॉन्च के बाद कोई देश इसके नेविगेशन में दखल नहीं कर सकता.
- सटीकता: पिन-पॉइंट एक्यूरसी, जिससे कम न्यूक्लियर वॉरहेड के साथ भी दुश्मन को तबाह किया जा सकता है.
रफ्तार और क्षमता
- रफ्तार: आवाज की गति से 24 गुना
- वजन: लगभग 50 टन
- लंबाई: 17 मीटर, व्यास 2 मीटर
- पेलोड: 1500 किलो तक न्यूक्लियर वॉरहेड
भारत पहले ही अग्नि-1, 2 और 3 मिसाइलों को ऑपरेशनल तैनात कर चुका है, जो पाकिस्तान को कवर करती हैं. जबकि अग्नि-5 खासतौर पर चीन से मिल रही चुनौतियों का जवाब है.
मिशन दिव्यास्त्र: अग्नि-5 का नया अवतार
मार्च 2024 में भारत ने अग्नि-5 के इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अवतार का सफल परीक्षण किया था. इसमें MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक है. एक मिसाइल से कई टारगेट्स पर अलग-अलग वॉरहेड दागे जा सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी जानकारी दी थी और इसे नाम दिया—मिशन दिव्यास्त्र. इस तकनीक के साथ भारत उन चुनिंदा देशों—अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन—की कतार में शामिल हो गया है. सच कहें तो अग्नि-5 अब सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की सामरिक बढ़त, आत्मनिर्भरता और विश्व मंच पर रणनीतिक ताकत का ऐलान है.
यूरोप और पूरा एशिया जद में
विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी पहुंच पूरे एशियाई महाद्वीप और यूरोप के कुछ हिस्सों तक है. इससे भारत की सामरिक शक्ति में अभूतपूर्व मजबूती आती है. परीक्षण के दौरान समुद्र में तैनात जहाजों, राडारों और टेलीमेट्री स्टेशनों ने मिसाइल की उड़ान के रीयल टाइम में आकलन किया. इससे सभी तकनीकी डेटा का गहन विश्लेषण संभव हो सका. आपको बता दें कि अग्नि सीरीज भारत की परमाणु-सक्षम मिसाइलों का मुख्य आधार है. इसका पहला वर्जन यानी अग्नि-1 की मारक दूरी 700 किमी थी. भारत के पास 2,000 किमी की दूरी वाली अग्नि-2, 3,500 किमी की दूरी वाली अग्नि-3 के साथ अग्नि-4 भी है जिसकी रेंज 4,000 किमी से अधिक है.