भारत ने एशियाई विकास बैंक (ADB) को आगाह किया है कि पाकिस्तान का डिफेंस एक्सपेंडिचर बढ़ता जा रहा है, पाकिस्तान का Tax-to-GDP ratio घट रहा है और मैक्रो-इकोनॉमिक रिफॉर्म की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में अगर पाकिस्तान को वित्तीय मदद ADB द्वारा दी जाती है तो पाकिस्तान उसका दुरुपयोग अपने रक्षा खर्च को बढ़ाने के लिए कर सकता है. भारत ने ADB के सामने यह तथ्य रखा है की FY 2018 में पाकिस्तान का Tax-to-GDP ratio 13% था जो FY 2023 में घटकर महज 9.2% फ़ीसदी रह गया है. जबकि इस दौरान पाकिस्तान का डिफेंस एक्सपेंडिचर काफी बढ़ गया है.
भारत ने ADB को आगाह किया है कि यह एक महत्वपूर्ण संकेत होता है कि किस तरह पाकिस्तान विदेशी एजेंसियों से मिल रही आर्थिक मदद और फंड्स का इस्तेमाल अपने डिफेंस स्पेंडिंग को बढ़ाने के लिए डायवर्ट कर रहा है. भारत ने इसपर गंभीर चिंता जताई है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में पाकिस्तानी मिलिट्री का हस्तक्षेप लगातार बढ़ता जा रहा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
भारत का मानना है कि पाकिस्तान लगातार सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और आतंकी संगठनों की फाइनेंसिंग को रोकने को लेकर FATF में जो वायदा पाकिस्तान ने किया उन्हें पाकिस्तान ने पूरा नहीं किया है. भारत में कहा है कि अगर ADB या IMF द्वारा दिए जाने वाले फंड्स का पाकिस्तान ने अपने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया होता तो उसे 24वें बार IMF से आर्थिक मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ती.