पाकिस्‍तान को बूंद-बूंद तरसाएगा भारत, चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से रोका जल प्रवाह: सूत्र

भारत ने सिंधु जल संधि को स्‍थगित करने के बाद अब चिनाब नदी पर बने बग‍लिहार बांध के माध्‍यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है. साथ ही भारत झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
जम्मू के रामबन में बगलिहार जलविद्युत बांध मौजूद है.
नई दिल्ली:

जम्‍मू कश्‍मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्‍तान के खिलाफ लगातार कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. भारत ने सिंधु जल संधि को स्‍थगित कर दिया है और इसके बाद अब चिनाब नदी पर बने बग‍लिहार बांध के माध्‍यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. साथ ही पाकिस्‍तान को झटका देने के लिए भारत झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है. माना जा रहा है कि भारत के इस कदम से पाकिस्‍तान का कृषि उत्‍पादन और बिजली बनाने की क्षमता प्रभावित होगी. 

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जम्मू के रामबन में बगलिहार जलविद्युत बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा जलविद्युत बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को रेगुलेट करने की क्षमता देते हैं.

सिंधु जल संधि को भारत ने किया स्‍थगित 

भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी संधि को स्‍थगित करने का निर्णय लिया है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे.

विश्व बैंक की मध्यस्थता से की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया है. भारत ने पाकिस्‍तान के साथ युद्धों के बावजूद भी इस संधि को स्‍थगित नहीं किया था. हालांकि अब उसने यह बड़ा कदम उठाया है. 

बगलिहार बांध को लेकर लंबे समय से विवाद 

बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है. पाकिस्तान इस मामले में विश्व बैंक की मध्यस्थता की मांग कर चुका है. पाकिस्तान को किशनगंगा बांध को लेकर भी खासकर झेलम की सहायक नदी नीलम पर इसके प्रभाव के कारण आपत्ति है. 

Featured Video Of The Day
Premanand Maharaj Vs Rambhadracharya: प्रेमानंद पर क्या कह गए रामभद्राचार्य? | Kachehri