COVID-19 : भारत में पिछले 111 दिन में सबसे कम 34,703 नए केस, इन 16 राज्यों में अब भी है टेंशन

Coronavirus Cases Today: अब तक 35.75 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. भारत में सक्रिय केस गिरकर 4,64,357 हो गए हैं. पिछले 101 दिन में सबसे कम हैं.

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Covid-19 Cases in India: भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार गिर रहे हैं, रिकवरी रेट बढ़कर 97.17% हो गया है
नई दिल्ली:

भारत में पिछले 111 दिन में सबसे कम 34,703 नए COVID-19 केस सामने आए हैं. अब तक 35.75 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. भारत में सक्रिय केस गिरकर 4,64,357 हो गए हैं. पिछले 101 दिन में सबसे कम हैं. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अब 2,97,52,294 हो गई है. वहीं पिछले 24 घंटे में 51,864 मरीज ठीक हुए हैं. रिकवरी रेट बढ़कर 97.17% हो गया है.

बता दें कि देश में कोरोना के मामले भले लगातार कम आ रहे हैं, पर अब भी 77 जिले ऐसे हैं, जहां पोजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है. गृह मंत्रालय की अप्रैल की गाइडलाइंस के मुताबिक- जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा होगी. वहां राहत और रियायत नहीं बल्कि सख्ती बरती जाएगी.

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16 राज्यों के 77 जिले अब भी चिंता का सबब

16 राज्यों के 77 ज़िले अब भी चिंता का सबब बने हुए हैं. यहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है. इनमें नॉर्थ ईस्ट के 7 राज्यों के 48 ज़िले शामिल हैं यानी सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में 62% ज़िले नॉर्थ ईस्ट से हैं.

चिंता का सबब बने ये राज्य
- अरुणाचल प्रदेश के 19 ज़िले
- राजस्थान के 12
- केरल और मणिपुर के 8 
- मेघालय के 7
- त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम के 4
- ओडिशा के 3
- असम के 2 और
- आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, पुद्दुचेरी के 1-1 ज़िले शामिल हैं.

पिछले हफ्ते सिर्फ 71 जिले ही थे, 6 और जुड़े

पिछले हफ्ते ऐसे 71 ज़िले थे, जिनमें 6 और ज़िले शामिल हो गए हैं. वहीं, 5% से ज्यादा और 10% से कम पॉजिटिविटी वाले जिलों की तादाद 70 है जो देश के 19 राज्यों से हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर और हालात का जायजा लेने अरुणाचल प्रदेश, केरल, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में सेंट्रल टीम भी भेजी गई हैं.

खतरा अभी टला नहीं

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की ज़मीनी हकीकत का अंदाज़ा पॉजिटिविटी रेट के जरिए ही लगता है और इसी के दम पर काबू करने को लेकर रणनीति बनाई जाती है, पर आंकड़े बताते हैं कि खतरा कुछ इलाकों तक सिमटा जरूर है पर टला नहीं है.  
 

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