भारत इस साल के अंत तक कंबोडिया को भेज सकता है बाघ

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के सदस्य सचिव गोविंद सागर भारद्वाज ने कहा, ‘‘प्रस्ताव को लेकर कंबोडिया के अधिकारियों से लगातार बातचीत चल रही है.

Advertisement
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

कंबोडिया के जंगलों में बाघों की संख्या को बढ़ाने में मदद करने के लिए भारत नवंबर-दिसबंर तक चार बाघ वहां भेज सकता है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारत ने अपने यहां के बाघ को किसी दूसरे देश में भेजने के लिए कंबोडिया के साथ नवंबर 2022 में दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता किया था.

कंबोडिया एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों और वहां भारत की राजदूत डॉ. देवयानी उत्तम खोबरागड़े के बीच कुछ दिन पहले ऑनलाइन माध्यम से बैठक हुई थी. इस दौरान उन्होंने नवंबर-दिसंबर तक चार बाघों को कंबोडिया भेजने के प्रस्ताव पर चर्चा की. एक सूत्र ने बताया कि इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है.

Advertisement

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के सदस्य सचिव गोविंद सागर भारद्वाज ने कहा, ‘‘प्रस्ताव को लेकर कंबोडिया के अधिकारियों से लगातार बातचीत चल रही है. एनटीसीए ने उनसे विस्तृत कार्ययोजना भेजने का अनुरोध किया है. इसकी समीक्षा कर उसे तकनीकी समिति के समक्ष रखा जाएगा.'' उन्होंने बताया कि तकनीकी समिति की अनुशंसाओं के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा उपयुक्त निर्णय लिया जायेगा.

एक अन्य सूत्र ने बताया कि भारत की ओर से भेजे जाने जाने वाले चार बाघों को कंबोडिया के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में कार्डामम पहाड़ियों में छोड़े जाने की योजना है. उन्होंने बताया कि जिन चार बाघों को भेजा जाएगा उनमें एक नर और तीन मादा हो सकती हैं.

‘वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड' (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अनुसार कंबोडिया में संरक्षणकर्ता ने 2016 में बाघों को ‘‘विलुप्त'' घोषित कर दिया था. कंबोडिया का आखिरी बार बाघ 2007 में देखा गया था. कंबोडिया की सरकार ने सितंबर 2017 में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की मदद से देश में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए योजना की घोषणा की.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
NEET पेपर लीक मामले में आरोपी शिक्षक Jaleel Pathan निलंबित
Topics mentioned in this article