मालदीप में राष्ट्रपति मोइज्जू के इस्तीफे की मांग.(फाइल फोटो)
पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव (India Maldives) के नेताओं की टिप्पणी अब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारी पड़ती दिख रही है. मालदीव के सांसद अली अजीम ने मोहम्मद मुइज्जू को राष्ट्रपति पद से बर्खास्त करने की मांग उठाई है तो वहीं दूसरे सांसद मीकैल नसीम ने संसद से विदेश मंत्री मूसा ज़मीर से सवाल पूछने की मांग की है.
- पिछले साल अलग हुए डेमोक्रेट्स के सदस्य अजीम ने "राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की. वहीं सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी एमडीपी से "अविश्वास मत लाने के लिए कहा. उनके सहयोगी, नसीम ने, पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के मामले में संसद से विदेश मंत्री को बुलाने की अपील की.
- इस साल आम चुनाव से पहले विपक्षी सांसदों के राष्ट्रपति मुइज्ज़ू के खिलाफ हमले तेज हो गए हैं. एमडीपी नेता और पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी ने "सदियों पुराने रिश्ते" को संभावित रूप से अलग करने में "अदूरदर्शिता" के लिए सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना की. उन्होंने भारत को "हमारा 911 कॉल" कहा. उन्होंने कहा कि हमारी हमेशा से इंडिया फर्स्ट की नीति रही है.
- एमडीपी के दूसरे नेता और युवा खेल मंत्री रहे अहमद महलूफ ने चेतावनी दी कि अगर भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीप का बहिष्कार करना जारी रहा तो मालदीव की अर्थव्यवस्था पर "भारी प्रभाव" पड़ेगा. उन्होंने कहा, "मैं बहुत चिंतित हूं...इससे उबरना मुश्किल होगा."
- अहमद महलूफ की प्रतिक्रिया भारतीय पर्यटकों द्वारा बड़े पैमाने पर मालदीप विजिट रद्द करने की रिपोर्टों के बाद आया है. कोरोना के बाद से मालदीव में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक पहुंच रहे हैं, लिस्ट में वह टॉप पर है. जिससे वहां के लोगों को रोजगार मिलता है और विदेशी करेंसी भी बढ़ती है. देश के सबसे बड़े उद्योग निकाय - मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री ने भी पीएम मोदी पर की गई "अपमानजनक टिप्पणियों" की निंदा की.
- इस बीच, पूर्व पर्यटन मंत्री, अब्दुल्ला मौसूम ने भारतीयों से किसी भी मंत्री, ससीनियर या जूनियरों की बातों पर ध्यान न देने की अपील की. उन्होंने अपनी सरकार से इस तरफ ध्यान देने की अपील की कि मालदीव पर्यटन पर निर्भर है. भारतीय टूरिस्टों का यहां इनकम बढ़ाने में अहम योगदान है.
- मालदीव के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं, पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी टिप्पणियों पर आलोचना की. उन्होंने भारत के खिलाफ "घृणित भाषा" और "निंदनीय" टिप्पणियों के इस्तेमाल की निंदा की. पूर्व उपसभापति इवा अब्दुल्ला ने एनडीटीवी को बताया कि ये टिप्पणियां "नस्लवादी" थीं और भारतीय इससे गुस्से में हैं."
- राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार ने भारत विरोधी टिप्पणियों को "अस्वीकार्य" कहा. विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने एक्स पर कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी "हमारे सभी सहयोगियों, विशेष रूप से हमारे पड़ोसियों के साथ रचनात्मक बातचीत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है." इन तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना, और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद को सस्पेंड कर दिया है.
- यह विवाद तब शुरू हुआ जब पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने वाले वीडियो और तस्वीरें पोस्ट कीं. ट्विटर पर #BoycottMaldives ट्रेंड शुरू हो गया, जो आंशिक रूप से बॉलीवुड हस्तियों और क्रिकेटरों के पोस्ट से प्रेरित रहा.
- भारत की प्रतिक्रिया नपी-तुली है; नई दिल्ली ने विवाद के कुछ दिनों बाद सोमवार को ही मालदीव के दूत को तलब किया. इस पर पीएम मोदी या फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर का अब तक कोई सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया है. लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने एनडीटीवी से कहा कि टिप्पणियों ने देश की गरिमा को "चुनौती" दी, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक माफी की बात को खारिज कर दिया.
- पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणियों से भारत और और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव देखा जा रहा है. मालदीप के राष्ट्रपति मुइज्ज़ू, को चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है. वह 12 जनवरी तक चीन की राजकीय यात्रा पर थे. उन्होंने सोमवार को बीजिंग को अपना "मूल्यवान सहयोगी" कहा. हालांकि चीनी सरकार ने औपचारिक रूप से इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने मालदीव के साथ "मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध" का हवाला दिया है.
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