India Withdraw High commissioner From Canada: भारत ने कनाडा को लेकर और सख्त कदम उठा लिया है. अपने कनाडा के उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है. इसके साथ ही भारत ने ‘निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों तथा अधिकारियों' को भी वापस बुलाने का फैसला किया है. नई दिल्ली ने कहा है कि उसे अब ट्रूडो सरकार पर भरोसा नहीं है. हमें कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की वर्तमान कनाडा सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है. वह कुछ भी कर सकती है.
कनाडा के राजदूत को चेताया
इससे पहले भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को समन भेजकर तलब किया. विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि कनाडा के प्रभारी राजदूत को तलब कर बताया गया कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को निराधार तरीके से निशाना बनाना पूरी तरह अस्वीकार्य है. इससे पहले आज दिन में भी भारत ने कनाडा को जमकर सुनाया था. जाहिर है इससे भारत-कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों के समाप्त होने का भी अंदेशा बढ़ गया है.
कनाडा ने ये किया
दरअसल, कनाडा ने कल भारत को एक ‘‘राजनयिक संचार भेजा, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में जांच से संबंधित मामले में ‘निगरानी वाले व्यक्ति' हैं.'' इससे भारत स्तब्ध रह गया. कारण यह है कि कनाडा के हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा भारत के सबसे वरिष्ठ राजनयिक हैं, जिनका 36 वर्षों का शानदार करियर रहा है. जापान और सूडान में राजदूत रह चुके वर्मा ने इटली, तुर्की, वियतनाम और चीन में भी अपनी सेवाएं दी हैं. ऐसे अधिकारी को कनाडा ने निगरानी वाले व्यक्ति की श्रेणी में डाल दिया.
भारत ने जस्टिन ट्रूडो के नए आरोपों पर कनाडा के उच्चायुक्त को किया तलब, जानिए क्यों बढ़ा तनाव
विदेश मंत्रालय ने ओटावा द्वारा वर्मा पर लगाए गए आरोपों को 'हास्यास्पद" और अपमानजनक बताया है. नई दिल्ली ने कहा कि ट्रूडो सरकार ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों और सामुदायिक नेताओं को परेशान करने, धमकाने और डराने के लिए हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को 'जानबूझकर' जगह दी है. इसमें उन्हें और भारतीय नेताओं को जान से मारने की धमकियां देना भी शामिल है.