EXCLUSIVE: क्‍या भारत ने तलाश ली ट्रंप टैरिफ की काट, NDTV से रूसी अधिकारी ने शेयर की रणनीति

डोनाल्‍ड ट्रंप के टैरिफ बम को डिफ्यूज करने के लिए भारत ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. हाल ही में इसकी एक झलक अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में भी देखने को मिली. ट्रंप के टैरिफ 'बम की आग' को कम करने के लिए भारत ने रूस से अपने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ाने का फैसला किया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कई रूसी कंपनियां भारत व्यापार करने में रुचि ले सकती हैं...
नई दिल्‍ली:

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस बार भारत के फार्मा सेक्‍टर पर टैरिफ बम फोड़ा है. इसका असर शेयर मार्केट में दिखने लगा है. ट्रंप ने 1 अक्टूबर से फार्मा आयात पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है. इसका भारत पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा एक्‍सपोर्ट मार्केट (31%) है. इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 25% 'सप्‍लीमेंट्री' टैरिफ लगाया था. हालांकि, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर अभी तक ट्रंप के टैरिफ बम का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है. अमेरिका से दूरी भारत को रूस के और करीब ले जा रही है. 

टैरिफ बम को डिफ्यूज करने की रणनीति

ट्रंप के टैरिफ बम को डिफ्यूज करने के लिए भारत ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. हाल ही में इसकी एक झलक अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में भी देखने को मिली. ट्रंप के टैरिफ 'बम की आग' को कम करने के लिए भारत ने रूस से अपने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ाने का फैसला किया है. बता दें कि ट्रंप को सबसे बड़ी परेशानी यह है कि भारत क्‍यों रूस से तेल खरीद रहा है. ट्रंप ने साफ कर दिया है कि भारत पर टैरिफ, रूस को कमजोर करने की रणनीति का हिस्‍सा है. हालांकि, भारत ने भी साफ कर दिया है कि वह किसी के दबाव में झुकने वाला नहीं है. 

व्यापार मेले का भागीदार देश रूस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पात्रुशेव से मुलाकात की. उत्तर प्रदेश में अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार मेले को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'इस बार, व्यापार मेले का भागीदार देश रूस है. इसका मतलब है कि इस व्यापार मेले में हम एक समय-परीक्षित साझेदारी को और मजबूत कर रहे हैं. रूस और भारत ने कृषि, उर्वरक, फूड प्रोसेसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और चिकित्सा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है.'

एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्‍यू में रूसी उप-व्यापार आयुक्त एवगेनी ज़ेनचेंको ने भारत के साथ द्विपक्षीय आर्थिक व्यापार को बढ़ावा देने की नई प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा, 'हमने रूसी व्यापार और भारतीय संभावित साझेदारों के लिए दो गोलमेज सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है. आज, भारत और रूस के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है. दोनों देश द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. हम एआई, साइबर सुरक्षा और चिकित्सा विज्ञान को सहयोग के संभावित नए क्षेत्रों के रूप में देख रहे हैं. कई रूसी कंपनियां यहां व्यापार करने में रुचि ले सकती हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों के बारे में बात की. हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने इसका उल्लेख किया. हम रूसी कंपनियों के लिए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देना चाहते हैं. हम नई व्यावसायिक परियोजनाओं में सहयोग को सुगम बनाना चाहते हैं.'

इसे भी पढ़ें :- फार्मा पर डोनाल्ड ट्रंप के 100% टैरिफ का भारत पर नहीं होगा बड़ा असर, दवा कंपनियों ने यह तैयारी कर रखी है

Featured Video Of The Day
Breaking News: Sonam Wangchuck को पुलिस ने किया गिरफ्तार | Leh-Ladakh Protest