कनाडा से अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण की मांग करेगा भारत, टारगेट किलिंग और टेरर फंडिंग जैसे 50 केस में है वॉन्टेड

अर्श डल्ला पर हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और टेरर फंडिंग समेत आतंकी वारदात के 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. उसे 2023 में भारत में एक व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था.

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कनाडा पुलिस ने अर्श डल्ला पर 11 धाराएं लगाई हैं. इसमें फायरिंग और हथियार रखने की धाराएं शामिल हैं.

नई दिल्ली:

भारत सरकार ने कनाडा में गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला (Arsh Dalla) के प्रत्यर्पण की मांग करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी. खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर (Hardeep Singh Nijjar)की हत्या के बाद अर्श डल्ला ही आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) को लीड कर रहा है. डल्ला ने निज्जर के साथ मिलकर अपने स्लीपर सेल नेटवर्क के जरिए पंजाब में टारगेट किलिंग, टेरर फंडिंग के लिए जबरन वसूली जैसे कई अपराधों को अंजाम दिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी की रिपोर्ट देखी है. कनाडाई प्रिंट और विज़ुअल मीडिया ने गिरफ्तारी पर डिटेल रिपोर्ट दी है. हम समझते हैं कि ओंटारियो कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट में शामिल भी कर लिया है."

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विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, "अर्श डल्ला पर हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और टेरर फंडिंग समेत आतंकी वारदात के 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. उसे 2023 में भारत में एक व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था." भारत सरकार ने उम्मीद जताई कि कनाडा की सरकार को अर्श डल्ला को प्रत्यर्पित कर देना चाहिए. 

बयान में आगे कहा गया, "भारत में अर्श डाला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में इसी तरह की अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा."

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MLAT के तहत भारत ने कनाडा को दी थी अर्श की जानकारी
भारत सरकार ने कनाडा को आपसी कानूनी सहायता संधि (MLAT) के तहत अर्श डल्ला के संभावित निवास पते, भारत में वित्तीय लेन-देन, चल और अचल संपत्तियों, मोबाइल नंबर वगैरह की जानकारी भेजी थी. ये सारी डिटेल जनवरी 2023 में कनाडाई अधिकारियों को दी गई थी. दिसंबर 2023 में कनाडा के न्याय विभाग ने इस मामले में आगे की जानकारी मांगी थी. मार्च 2024 में भारत सरकार ने बाकी की जानकारी मुहैया कराई थी. अब उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत की एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही हैं.

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28 अक्टूबर की रात अर्श डल्ला को लगी थी गोली
सूत्रों के मुताबिक, कनाडा में 28 अक्टूबर की रात अर्श डल्ला को गोली लगी थी. अर्श डल्ला अपने साथी गुरजंत सिंह के साथ कार में सवार होकर हॉल्टन इलाके से गुजर रहा था. इसी दौरान कार में रखे हथियार से एक्सिडेंटल फायर हो गया था. गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी. जिसके बाद डल्ला और गुरजंत सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिर उसे अरेस्ट किया गया. डल्ला ने तब पुलिस को खुद पर हुए हमले की एक फर्जी कहानी बताई थी. उसकी गिरफ्तारी के बाद कनाडाई पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं.

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ISI करती है डल्ला की मदद
कनाडा की पुलिस ने डल्ला के पास से कई हाईटेक हथियार बरामद किए हैं. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI खलिस्तानी आतंकियों को हथियार भेज रही है, जिससे भारत में अशांति फैलाने की साजिश रची जा रही है. अर्श डल्ला के खिलाफ हथियारों की ये बरामदगी खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में उसके बढ़ते जुड़ाव की पुष्टि करती है.

मोगा का रहने वाला है अर्श डल्ला?
अर्श डल्ला का पूरा नाम अर्शदीप डल्ला है. वह मूल रूप से पंजाब के मोगा का रहने वाला है. दोस्तों के साथ हुए एक झगड़े के बाद उसपर पहली FIR दर्ज हुई थी. बाद में परिवार ने स्टडी वीजा पर उसे कनाडा भेज दिया था. वहां गैंगस्टर सुक्खा लम्मा से हुए विवाद के बाद वह पंजाब लौट आया. फिर खुद अपने साथियों के साथ मिलकर लम्मा की हत्या कर दी. इसके बाद फिर कनाडा भाग गया.
 

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