भारत की कैसी है आर्थिक स्थिति? जानिए IMF से लेकर डेलॉयट इंडिया, एडीबी और वर्ल्ड बैंक की भविष्यवाणी

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 702.3 अरब डॉलर हो गया. केंद्रीय बैंक के अनुसार, भारत का गोल्ड रिजर्व 6.2 अरब डॉलर बढ़कर 108.5 अरब डॉलर हो गया है.

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  • डेलॉयट इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.7 से 6.9 प्रतिशत दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है.
  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत घोषित की है.
  • अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की विकास दर का पूर्वानुमान 6.9 प्रतिशत तक बढ़ाया है.
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दुनिया भर में हलचल है. कौन देश किसका दोस्त है और किसका दुश्मन, अभी ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता. इतिहास के सारे मानदंड टूट चुके हैं. कभी लगता है अमेरिका और भारत टकरा रहे हैं तो कभी दोनों के टेबल पर बात की खबरें आने लगती हैं. कभी अमेरिका और रूस आमने-सामने होते हैं तो कुछ ही समय बाद ट्रंप और पुतिन के फोन कॉल की डिटेल सामने आ जाती है. सऊदी से ईरान बात करने लगता है तो अमेरिका कभी इजरायल से नाराज होने लगता है. ऐसी खबरों के बीच ये जानना जरूरी है कि भारत की आर्थिक सेहत अभी कैसी है और आने वाला समय कैसा रहने वाला है. अब जाहिर सी बात ये किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के बयान से अंदाजा लगाना तो संभव है नहीं तो चलिए आपको दुनिया के सबसे विश्वसनीय आर्थिक एजेंसियों के हवाले से जानकारी देते हैं.    

डेलॉयट इंडिया की भविष्यवाणी

डेलॉयट इंडिया ने बढ़ती मांग एवं नीतिगत सुधारों के बीच चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.7-6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का 23 अक्टूबर को अनुमान लगाया. भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट ने कहा कि घरेलू मांग में तेजी, उदार मौद्रिक नीति तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 2.0 जैसे संरचनात्मक सुधारों से वृद्धि को बल मिलने की संभावना है. कम मुद्रास्फीति, क्रय शक्ति में सुधार के साथ खर्च बढ़ाने में योगदान देगी.

डेलॉयट इंडिया की ‘भारत आर्थिक परिदृश्य' रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7 से 6.9 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है, जो डेलॉयट के पिछले अनुमान से 0.3 प्रतिशत अधिक है. चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर औसतन 6.8 प्रतिशत बनी हुई है. डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग में वृद्धि उपभोग व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि से होने की संभावना है. इसके बाद मजबूत निजी निवेश की उम्मीद है, क्योंकि व्यवसाय अनिश्चितताओं का सामना करने और बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए तैयारी कर रहे हैं. यह भी अनुमान है कि भारत साल के अंत तक अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ एक समझौता कर लेगा, जिससे समग्र निवेश धारणा में सुधार होने की उम्मीद है. पहली एवं तीसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि से समग्र वार्षिक वृद्धि को बल मिलने की संभावना है.

आईएमएफ का दावा

15 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की अर्थव्यवस्था वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि पहले 6.4 प्रतिशत था. आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि वृद्धि दर में इजाफा पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन के कारण किया गया है. वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में, भारत कम से कम एक वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ा, मजबूत निजी खपत के दम पर जीडीपी विकास दर 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी. सरकार द्वारा व्यापक जीएसटी सुधारों को लागू करने और उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर दरों में कमी के साथ, घरेलू मांग में और तेजी आने की उम्मीद है. इससे अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के कारण भारतीय वस्तुओं की बाहरी मांग पर पड़े नकारात्मक प्रभाव की भरपाई होने की उम्मीद है. 

फिच, एसएंडपी और आरबीआई भी पॉजिटिव

बीते महीने अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भी वित्त वर्ष 26 के लिए अपने पूर्वानुमान को जून के 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 6.9 प्रतिशत कर दिया था. फिच ने रिपोर्ट में कहा कि भारत भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच मजबूती का प्रदर्शन कर रहा है और अगले तीन वर्षों में देश 6 प्रतिशत से ऊपर की विकास दर बनाए रखने में सक्षम है. एसएंडपी ने कहा कि मजबूत घरेलू मांग, जीएसटी सुधार और आयकर में बदलाव के कारण भारत की जीडीपी ग्रोथ इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है. आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. साथ ही, इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रह सकती है.

अमेरिकी टैरिफ के कारण एडीबी ने घटाया

एडीबी ने 30 सितंबर को कहा कि पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क का प्रभाव विशेष रूप से दूसरी छमाही की संभावनाओं को कम करेगा.उल्लेखनीय है कि अप्रैल में जारी एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) में सात प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था. इसे भारत से आने वाले माल पर अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की चिंता के कारण जुलाई की रिपोर्ट में घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था.

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वर्ल्ड बैंक भी 6.5 मान रहा

7 अक्तूबर को वर्ल्ड बैंक की ओर से भारत के वृद्धि दर के अनुमान को वित्त वर्ष 26 के लिए 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है. इसकी वजह मजबूत घरेलू मांग, ग्रामीण मांग में रिकवरी और कर सुधारों का सकारात्मक प्रभाव है. वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट में आगे कहा कि भारत इस साल भी दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. 

विदेशी मुद्रा भंडार अब 702 अरब डॉलर

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 702.3 अरब डॉलर हो गया. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में दी गई. केंद्रीय बैंक के अनुसार, समीक्षा अवधि में भारत का गोल्ड रिजर्व, जो कि विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है, 6.2 अरब डॉलर बढ़कर 108.5 अरब डॉलर हो गया है. इसमें बढ़ोतरी की वजह सोने की कीमतों में इजाफा होना और केंद्रीय बैंक द्वारा खरीद का बढ़ना है. फॉरेन करेंसी एसेट्स, जो कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं, 1.7 अरब डॉलर गिरकर 570.4 अरब डॉलर हो गई हैं. ये एसेट्स यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के मूल्य में बदलाव से प्रभावित होती हैं.

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