सरकार ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन में नए स्वरूप के कोरोना वायरस (New Coronavirus strain) को लेकर चिंता करने या घबराने की कोई बात नहीं है. भारत में अब तक इस तरह का वायरस नहीं मिला है और इसके स्वरूप में भी कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस (सार्स कोव-दो स्ट्रेन) के नए स्वरूप से टीका के विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
पॉल ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा. हमें समग्र प्रयासों से इस नई चुनौती से निपटना होगा.'' उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर उपचार को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीका पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा.
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पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है. यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाता है. एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर' है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है.'' पॉल ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और ‘‘हम देश में इस तरह का वायरस का पता लगाने का काम कर रहे हैं.''
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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मध्य सितंबर के बाद से कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है. भूषण ने कहा, ‘‘पिछले सात दिनों में भारत में प्रति दस लाख आबादी पर संक्रमण के 124 मामले आए हैं जबकि वैश्विक स्तर पर 588 मामले आए हैं. पिछले सात दिनों में प्रति दस लाख आबादी पर दो लोगों की मौत हुई है जबकि विश्व स्तर पर 10 मौतें हुई हैं.''