पाकिस्तान सरकार के इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (आईआरएसए) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पांच जून को इंडस रिवर सिस्टम से पंजाब प्रांत को एक लाख 24 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. वहीं पिछले साल पांच को इंडस रिवर सिस्टम की ओर से पंजाब प्रांत के लिए एक लाख 43 हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. यानी की पिछले साल के मुकाबले इस साल पांच जून को 19 हजार 100 क्यूसेक या 13.30 फीसदी कम पानी छोड़ा गया. इंडस रिवर सिस्टम से पंजाब के लिए कम पानी छोड़ने का वहां खरीफ फसलों पर असर पड़ रहा है.
खरीफ फसलों की बुवाई पर पड़ा असर
इंडस वॉटर ट्रीटी के पूर्व आयुक्त और केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख एके बजाज ने पाकिस्तान में आए इस जल संकट को लेकर बात की.उनका कहना था कि पाकिस्तान में सिंधु नदी से जुड़ी नदियों और जलाशयों में पानी कम बचा है. इससे वहां के किसानों के सामने संकट पैदा हो गया है.पाकिस्तान में इन दिनों खरीफ फसलों की बुवाई चल रही है.ऐसे में पानी के संकट का असर खरीफ फसलों की बुवाई पर भी पड़ रहा है. मुश्किल यह है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मॉनसून जून के आखिरी में या जुलाई के पहले हफ्ते तक पहुंचता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगले तीन हफ्ते में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पानी का संकट और बड़ा हो सकता है.
भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान से इंडस रिवर सिस्टम से जुड़ी नदियों के जलस्तर के बारे में जानकारी शेयर करना बंद कर दिया है. ऐसे में जब मॉनसून सीजन के दौरान इंडस रिवर सिस्टम से जुड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ेगा तो इससे पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा और बड़ा हो सकता है. ऐसे में पाकिस्तान को आपदा झेलनी पड़ सकती है.
भारत ने स्थगित किया सिंधु जल समझौता
भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था. भारत-पाकिस्तान ने यह संधि 1960 में की थी.इसके तहत सिंधु वाटर सिस्टम की तीन पूर्वी नदियों का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता है. वहीं तीन पश्चिमी नदियों के पानी पर पाकिस्तान को अधिकार दिया गया था.
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