विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत, फ्रांस को एक स्थानीय शक्ति के तौर पर देखता है जोकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए अपरिहार्य है. उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में फ्रांस को सबसे अहम साझेदार मानता है. जयशंकर ने पेरिस में फ्रांस की संसद के ऊपरी सदन में आयोजित ''एम्बिशन इंडिया 2021'' सम्मेलन को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि हितों और आम लोगों की रक्षा करने के अलावा अंतरराष्ट्रीय कानून तथा बहुपक्षवाद को बनाए रखने में भारत-फ्रांस साझेदारी को मददगार होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हालांकि, इस साझेदारी को क्षेत्र के अन्य देशों को बेहतर विकल्प भी पेश करने चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया कई गहरे संकटों का सामना कर रही है जोकि महामारी के चलते और अधिक विकराल हो गए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे समय में, मूल्य, भरोसा और पारदर्शिता महत्व रखते हैं और ये लक्षण भारत-फ्रांस संबंधों को परिभाषित करते हैं. जयशंकर ने कहा, ''हम रणनीतिक स्वायत्तता और एक बहुध्रुवीय दुनिया में अपने साझा विश्वास से भी बंधे हुए हैं, जो सुधार और प्रभावी बहुपक्षवाद पर आधारित है जिसने दशकों से हमें एकजुट रखा है और हालिया महामारी के दौरान भी एकजुटता रही.''