Operation Sindoor Inside Story: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को जिस तरह से अंजाम दिया, उससे पूरी दुनिया दंग रह गई. पाकिस्तान अपने दोस्त चीन के जिस एयर डिफेंस सिस्टम के भरोसे बैठा था, उसे बाइपास करते हुए भारत ने 100 किलोमीटर अंदर तक जाकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिए. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद बुधवार को भारत ने एक बड़ा खुलासा किया है. इस खुलासे में बताया गया कि भारत ने पाकिस्तान में मौजूद चीन के एयर डिफेंस सिस्टम को बाइपास कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था.
ऑपरेशन सिंदूर आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर
Operation SINDOOR: The Rise of Aatmanirbhar Innovation in National Security... PIB की ओर से जारी इस प्रेस नोट में बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का यह एक्शन जानबूझकर, सटीक और रणनीतिक रूप से लिया गया.
ऑपरेशन में 10 सैटेलाइट ने मदद की
पीआईबी के प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को 10 सैटेलाइट की मदद मिली. मात्र 23 मिनट में इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. जब तक पाकिस्तान कुछ समझ पाता तब तक भारतीय सेना अपना ऑपरेशन पूरा कर चुकी थी.
इसरो के चेयरमैन वी. नारायरण ने 11 मई को एक कार्यक्रम में बताया कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक उद्देश्य से कम से कम 10 उपग्रह लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.
चीनी डिफेंस सिस्टम को बाइपास कर हुआ ऑपरेशन
PIB द्वारा जारी गई प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में मौजूद चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को बाइपास करते हुए उन्हें जाम कर दिया. मिशन को केवल 23 मिनट में पूरा किया, जिससे भारत की तकनीकी बढ़त का प्रदर्शन हुआ.
बताया गया कि “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की चीन द्वारा आपूर्ति की गई वायु रक्षा प्रणालियों को जाम कर दिया, और मात्र 23 मिनट में अपना मिशन पूरा कर लिया.
चीन की मिसाइल, तुर्की के ड्रोन, पाक के रॉकेट मार गिराए
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि “ऑपरेशन सिंदूर” ने भारतीय प्रणालियों द्वारा शत्रुतापूर्ण प्रौद्योगिकियों को बेअसर करने के ठोस सबूत भी पेश किए. इनमें चीनी मूल की बहुप्रचारित पीएल-15 मिसाइलें, तुर्की मूल के वाईआईएचए कामिकेज़ ड्रोन और पाकिस्तान के लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाड-कॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन शामिल थे. इन सभी को भारत के बहुस्तरीय वायु रक्षा ग्रिड द्वारा सफलतापूर्वक मार गिराया गया.
अपनी सैन्य और नागरिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए भारत ने MANPADS, कम दूरी की मिसाइल प्रणाली, मध्यम और लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली तैनात की, जो ऑपरेशन के दौरान बल गुणक साबित हुई. भारतीय सशस्त्र बलों ने L-70s, Zu-23mm, Schilka जैसी पारंपरिक वायु रक्षा गन सिस्टम का भी इस्तेमाल किया.
9-10 मई की रात को भारत ने सर्जिकल सटीकता के साथ नूर खान और रहीमयार खान सहित प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेसों को निशाना बनाकर जवाबी हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया.
एक बयान में, सरकार ने कहा: "सभी हमले भारतीय संपत्तियों को नुकसान पहुँचाए बिना किए गए, जो हमारी निगरानी, योजना और वितरण प्रणालियों की गुणवत्ता एवं प्रभावशीलता को रेखांकित करता है."
"लंबी दूरी के ड्रोन से लेकर निर्देशित युद्ध सामग्री तक, आधुनिक स्वदेशी तकनीक के उपयोग ने इन हमलों को अत्यधिक प्रभावी और राजनीतिक रूप से संतुलित बनाने में सफलता प्राप्त किया. " बरामद और पहचाने गए मलबे से पता चला कि पाकिस्तान द्वारा उच्च तकनीक वाले विदेशी आपूर्ति वाले हथियारों का उपयोग करने की नाकाम कोशिशों के बावजूद, भारत का स्वदेशी वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क बेहतर बना रहा.
बहुस्तरीय वायु रक्षा ग्रिड की वजह से, 9-10 मई की रात के दौरान पाकिस्तान वायु सेना के हमलों को उसके हवाई क्षेत्रों और रसद प्रतिष्ठानों पर रोका गया.
पाक ने ड्रोन और मिसाइल से भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की
प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि 7-8 मई की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की.
कैसे काम करता है भारत का एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान की ओर हुए इन हमलों को Integrated Counter UAS (Unmanned Aerial Systems) Grid और भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम साबित कर दिया. मालूम हो कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम रडार, कंट्रोल रूम, तोपखाने और विमान और जमीन-आधारित मिसाइलों के नेटवर्क का उपयोग करके खतरों का पता लगाती हैं, उन्हें ट्रैक करती हैं और बेअसर करती हैं.
भारतीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए बिना हुए सभी हमले
PIB ने प्रेस नोट में यह भी बताया कि सभी हमले भारतीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए बिना किए गए. लंबी दूरी के ड्रोन के साथ-साथ निर्देशित हथियारों तक आधुनिक स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया. जिसने हाईटेक होती भारतीय सेना की ऑत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है.
ऑपरेशन सिंदूर में किन हथियारों का हुआ इस्तेमाल
इस प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ओर से किन हथियारों का इस्तेमाल हुआ. बताया गया कि एयर डिफेंस के लिए Pechora, OSA-AK और LLAD Guns (Low-level air defense guns) का प्रयोग किया गया. साथ ही सतह से आकाश में वार करने वाली आकाश मिसाइल का भी प्रयोग किया है.
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