अब तो संभल जाओ! इस साल लगभग हर दिन इंसानों ने झेला प्रकृति का कहर

क्लाइमेट इंडिया 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 के दौरान आपदा की घटनाओं में भारत में 4,064 लोगों की जानें गईं, जो पिछले चार वर्षों में 48% की बढ़ोतरी को दर्शाता है.

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  • भारत में जनवरी से सितंबर 2025 तक करीब 99% दिनों में आपदा की बड़ी घटनाएं दर्ज की गईं
  • इस अवधि में भारत में 4,064 लोगों की मौत हुई, जो पिछले चार वर्षों की तुलना में 48 प्रतिशत अधिक हैं
  • मॉनसून का मौसम सबसे विनाशकारी रहा, जिसमें कुल मौतों का अधिकांश हिस्सा यानी 3,007 मौतें हुईं
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भारत में जलवायु परिवर्तन का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. साल 2025 में जनवरी से सितम्बर के बीच देश के लगभग हर हिस्से में आपदा की बड़ी घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. पर्यावरण पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट (CSE) के मुताबिक, इस साल के पहले नौ महीनों के दौरान लगभग हर दिन भारत में आपदा की बड़ी घटनाएं (extreme weather events) आम लोगों को झेलनी पड़ीं.

साल के पहले 9 महीने चरम आपदाओं में बीते

सीएसई की महानिदेशक और डाउन टू अर्थ की संपादक सुनीता नारायण द्वारा जारी "क्लाइमेट इंडिया 2025" रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 1 जनवरी से 30 सितंबर 2025 तक 273 दिनों में से 270 दिनों में डिज़ास्टर की घटनाएं (extreme weather events) रिकॉर्ड की गईं. इसका मतलब है कि इस साल के पहले नौ महीनों में से लगभग 99 प्रतिशत दिनों में भारत के एक या एक से अधिक हिस्सों में आपदा की घटनाएं घटीं.

कहीं बारिश तो कहीं पारे ने जान हलकान की

रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि भारत में इस साल कई महीनों तक रिकॉर्डतोड़ तापमान अनुभव किया गया, जबकि कई इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी आपदा भी आम लोगों को झेलनी पड़ी. इसकी वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ. यह उन आपदा की बड़ी घटनाओं की बढ़ती संख्या और तीव्रता को दर्शाता है, जो तेजी से गर्म होती दुनिया में हर तरफ दिखाई दे रहा है.

क्लाइमेट इंडिया 2025 रिपोर्ट में कहा गया है:

  • साल 2025 के दौरान आपदा की घटनाओं में भारत में 4,064 लोगों की जानें गईं, जो पिछले चार वर्षों में 48% की बढ़ोतरी को दर्शाता है.
  • मॉनसून भारत का सबसे विनाशकारी मौसम बना हुआ है. 2025 में दर्ज कुल 4,064 मौतों में से 3,007 मॉनसून सीजन के दौरान हुईं.
  • आपदा की बड़ी घटनाओं की वजह से 47 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ. चार वर्षों में इसमें 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
  • 2025 में कम से कम 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2022 के बाद से चरम मौसम वाले दिनों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की है.

हिमाचल में प्रकृति का कहर सबसे ज्यादा

रिपोर्ट में बताया गया कि फरवरी से सितंबर 2025 के बीच भारत में लगातार आठ महीनों तक 30 या अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चरम मौसम (extreme weather) रिकॉर्ड किया गया. हिमाचल प्रदेश में चरम मौसम की घटनाओं की सबसे अधिक संख्या रिकॉर्ड की गई, जबकि मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं.

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