भारत ने कनाडा से राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का सम्मान करने को कहा

वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक शिविर का आयोजन किया था जिसे कुछ खालिस्तानी समर्थक तत्वों ने बाधित करने का प्रयास किया था

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो).
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  • कनाडा में उच्चायोग कांसुलर शिविरों का नियमित आयोजन करता है
  • 12 नवंबर को वैंकूवर के पास एक शिविर आयोजित किया गया था
  • कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने बाधा डालने की कोशिशें कीं जो नाकाम रहीं
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नई दिल्ली:

भारत ने कनाडा से राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप अनुकूल माहौल बनाने का बृहस्पतिवार को आह्वान किया ताकि उसके अधिकारी बिना किसी बाधा या सुरक्षा चिंताओं के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें. वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक शिविर का आयोजन किया था जिसे कुछ खालिस्तानी समर्थक तत्वों ने बाधित करने का प्रयास किया था. उस घटना के कुछ दिन बाद भारत ने यह आह्वान किया है.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘संभावित' संलिप्तता के आरोप सितंबर में लगाए थे जिसके बाद से भारत और कनाडा के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका'' करार देते हुए खारिज कर दिया था. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘कनाडा में हमारा उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास नियमित रूप से कांसुलर शिविरों का आयोजन करते हैं. पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए 12 नवंबर को वैंकूवर के निकट ऐसा ही एक शिविर आयोजित किया गया था.''

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ कट्टरपंथी तत्वों द्वारा बाधा उत्पन्न करने की कोशिशों के बावजूद यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया. हमारे महावाणिज्य दूत उस शिविर में मौजूद नहीं थे.''

उन्होंने कहा, ‘‘हम राष्ट्रों को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का सम्मान करने की आवश्यकता दोहराते हैं ताकि हमारे राजनयिक अपने राजनयिक दायित्वों का निर्वहन कर सकें.''

दिवाली के दौरान ब्रैम्पटन के निकट एक घटना के बारे में पूछे जाने पर, बागची ने कहा कि यह दो समूहों के बीच एक तरह की ‘‘झड़प'' थी.

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ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिन बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था और ओटावा से समानता सुनिश्चित करने के लिए देश में अपनी राजनयिक मौजूदगी को कम करने को कहा था.

कनाडा पहले ही भारत से 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला चुका है. भारत ने कुछ वीजा सेवाएं फिर शुरू कर दी हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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