ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत और पाकिस्तान को लेकर कई खबरें आ रही हैं. ताजा खबर के तहत चीन अपने परम मित्र पाकिस्तान को भारत की हवाई ताकत का मुकाबला करने के लिए J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट्स देने की योजना पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके बीच ही भारत ने भी चीन को 'चेक-मेट' देते हुए खुद को स्टेल्थ फाइटर जेट बनाने के प्लान को मंजूरी दे दी है. दरअसल पाकिस्तान अपने हथियारों के जखीरे को और मजबूत करने के मकसद से चीन से यह जेट खरीदने की इच्छा पिछले करीब एक साल से मन में संजोए हुए है.
ADA की देखरेख में होगा प्रोजेक्ट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट और देश के पहले स्टेल्थ जेट को बनाने वाले प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. भारत का यह लड़ाकू विमान दो इंजन वाला, पांचवीं पीढ़ी का मिलिट्री जेट होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) की देखरेख में पूरा किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय की योजना के मुताबिक ADA जल्द ही सार्वजनिक और निजी दोनों रक्षा कंपनियों को स्टेल्थ विमान के लिए एक प्रोटोटाइप डेवलप करके इस महत्वाकांक्षी परियोजना में भाग लेने के लिए उनकी रुचि जानने के लिए आमंत्रित करेगा.
सिर्फ घरेलू कंपनियां बनाएंगी जेट
रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक स्टेल्थ फाइटर प्रोग्राम को सिर्फ एक घरेलू कंपनी ही आगे बढ़ाएगी. इसके लिए स्वतंत्र तौर पर और साथ ही एक ज्वॉइन्ट वेंचर की तरफ से जारी होने वाले टेंडर के लिए बोलियां लगाई जा सकती हैं. प्राइवेट फर्म के साथ ही साथ सरकारी कंपनियां भी इसके लिए अपनी रुचि जता सकती हैं. प्राइवेट कंपनियों को शामिल करने के फैसले की सिफारिश इस साल मार्च में एक शीर्ष रक्षा समिति द्वारा की गई थी. इसका मकसद रक्षा क्षेत्र में निजी विनिर्माण को बढ़ावा देना था. साथ ही देश में लड़ाकू जेट विमान बनाने वाली प्रमुख कंपनी - सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) पर दबाव कम करना था.
रूस और फ्रांस के जेट्स शामिल
एचएएल को पहले से ही भारी देरी का सामना करना पड़ रहा है. खास तौर पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट या एलसीए तेजस प्रोजेक्ट को लेकर - जो 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. हालांकि, एचएएल ने देरी के लिए अमेरिकी फर्म जनरल इलेक्ट्रिक या जीई से जेट इंजन की धीमी डिलीवरी को जिम्मेदार ठहराया है. भारत ने स्टेल्थ फाइटर जेट्स प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने का मन बनाया है क्योंकि अभी देश में ज्यादातर रूस के और फ्रांस के फाइटर जेट्स शामिल हैं. भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रनों की संख्या वर्तमान में 31 है जो मंजूर संख्या 42 स्क्वाड्रन से काफी कम है.
पाकिस्तान को मदद करता चीन
दूसरी ओर चीन अपनी वायुसेना को तेजी से बढ़ा रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं वह पाकिस्तान को भी उसकी वायुसेना का विस्तार करने में मदद कर रहा है. ऐसे में भारत ने अपने स्वदेशी स्टेल्थ जेट प्रोजेक्ट को स्पीड अप करने का फैसला कर लिया है. भारत जहां अब 5वीं पीढ़ी के सैन्य विमान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है तो चीन ने पहले ही अपना 6वीं पीढ़ी का विमान बना लिया है. चीन उसका प्रदर्शन कर चुका है और इसका एक फ्लाइट टेस्ट भी हो चुका है. माना जा रहा है कि यह चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन द्वारा विकसित J-36 है.
चीन से मिलेगा एडवांस्ड जेट!
पाकिस्तान के पास पहले से ही चीन के सबसे एडवांस्ड जेट्स में से एक - जे-10 है. अगर रिपोर्ट्स पर यकीन करें तो चीन ने अपने सबसे एडवांस्ड स्टेल्थ फाइटर जेट शेनयांग जे-35 की पेशकश की है. यह एक सिंगल-सीटर, ट्विन-इंजन, सभी मौसमों में काम करने वाला, स्टेल्थ, मल्टी-रोल फाइटर जेट है. कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि चीन ने पाकिस्तान को यह जेट रियायती कीमतों पर देने की पेशकश की है.