भारत-नेपाल की पार्टनरशिप को सुपरहिट बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए : PM मोदी

नेपाल, क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंधों पर ध्यान दिया है।

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साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए अपने नेपाली समकक्ष पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड' से बृहस्पतिवार को ऊर्जा, संपर्क और व्यापार सहित कई क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित व्यापक वार्ता की. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष ने भारत के रूपईडीहा और नेपाल के नेपालगंज में एकीकृत जांच चौकी का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज मैंने और प्रधानमंत्री प्रचण्ड जी ने भविष्य में अपनी पार्टनरशिप को सुपरहिट बनाने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड' से बातचीत के बाद कहा, हम भारत-नेपाल संबंधों को हिमालय की ऊंचाई तक ले जाने के प्रयास जारी रखेंगे. पीएम मोदी ने कहा, "भारत और नेपाल ने व्यापार और ऊर्जा सहित कई अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए. प्रधानमंत्री प्रचंड और मैंने भविष्य में हमारी साझेदारी को ‘सुपर हिट' बनाने के लिए आज कई अहम फैसले लिए हैं. आज ट्रांजिट अग्रीमेंट संपन्न किया गया है. इसमें नेपाल के लोगों के लिए, नए रेल रूट्स के साथ साथ, भारत के इनलैंड वॉटरवे की सुविधा का भी प्रावधान किया गया है."

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है, 9 साल पहले 2014 में कार्यभार संभालने के 3 महीने के भीतर, मैंने नेपाल की अपनी पहली यात्रा की थी. उस समय मैंने भारत-नेपाल संबंधों के लिए HIT (Highways, I ways and Transway) फार्मूला दिया था. मैंने कहा था कि भारत-नेपाल के बीच ऐसे संबंध स्थापित करेंगे कि हमारे बॉर्डर्स बैरियर न बनें. भारत और नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं. इस सुन्दर कड़ी को और मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री प्रचण्ड जी और मैंने निश्चय किया है कि रामायण सर्किट से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लायी जानी चाहिए. हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे...और इसी भावना से हम सभी मुद्दों को, चाहे सीमाओं का हो या कोई और विषय, सभी का समाधान करेंगे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने संयुक्त रूप से रेलवे के कुर्था-बीजलपुरा खंड की ई-योजना का अनावरण किया. दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया. वहीं, दोनों ने संयुक्त रूप से भारत और नेपाल के बीच मोतिहारी-अमलेखगंज तेल पाइपलाइन के फेज-2 का शिलान्यास किया.

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नेपाल के प्रधानमंत्री ने बुधवार को भारत की चार दिवसीय यात्रा शुरू की.  दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) के 68 वर्षीय नेता प्रचंड की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है. नेपाली नेता की भारत यात्रा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मोदी और प्रचंड के बीच बातचीत का केंद्र बिंदु दोनों देशों के बीच संपर्क, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में गहरे सहयोग के साथ भारत और नेपाल के बीच सभ्यतागत संबंधों में बदलाव होगा.

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नेपाल, क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी' संबंधों पर ध्यान दिया है. यह दोनों देशों के लोगों के बीच सीमा पार विवाह को संदर्भित करता है. नेपाल पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है.  चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है.

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समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से है और वह भारत से तथा उससे होते हुए अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात आयात करता है. साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है.

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