सभी गंभीर मौसमी घटनाओं का पूर्वानुमान करने का है भारत का लक्ष्य: केंद्रीय मंत्री

रीजीजू ने इन चुनौतियों को हल करने के लिए डोपलर रडार और स्वचालित मौसम केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के महत्व को रेखांकित किया.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि भारत का लक्ष्य अपने मौसम अवलोकन नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ और अधिक शक्तिशाली कंप्यूटिंग प्रणालियों की खरीद कर लुघ स्तर पर प्रतिकूल मौसमी दशाओं का पता व पूर्वानुमान लगाने का है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए वर्ष भर चलने वाले समारोहों की शुरूआत करते हुए रीजीजू ने कहा कि मौसम और जलवायु के प्रभाव पहले से कहीं अधिक स्पष्ट हैं, और भारत जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक मजबूत देश बनने का प्रयास कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आईमडी के पूर्वानुमान की सटीकता पिछले पांच वर्षों में, इसके पूर्व के पांच वर्षों की तुलना में 40 प्रतिशत तक बेहतर हुई है, हालांकि बादल फटने जैसी लघु स्तर पर होने वाली मौसम की गंभीर घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में चुनौतियां बरकरार हैं.

रीजीजू ने इन चुनौतियों को हल करने के लिए डोपलर रडार और स्वचालित मौसम केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के महत्व को रेखांकित किया.

उच्च-क्षमता वाली कंप्यूटिंग प्रणालियों की खरीद करने से आईएमडी उच्चतर रिजोल्यूशन वाले मॉडल संचालित करने और भविष्य में लघु स्तर पर मौसमी घटनाओं के पूर्वानुमान की क्षमता बढ़ा सकेगा.

मंत्री ने कहा, ‘‘हर चीज अवलोकन पर निर्भर है. हमारे पास अवलोकन की जितनी क्षमता होगी, उतनी ही बेहतर हमारे पूर्वानुमान की क्षमता होगी.''

उन्होंने कहा कि मौसम विभाग पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 10 डोपलर रडार लगा चुका है और पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में 11 रडार लगाने की योजना है.

उन्होंने कहा कि भारत की तीव्र प्रौद्योगिकीय प्रगति ने मौसम पूर्वानुमान की सटीकता और जीवन बचाने वाली पूर्व चेतावनियों को बेहतर किया है. साथ ही, चक्रवात, लू, और भारी बारिश से होने वाली जनहानि में कमी आई है.

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रीजीजू ने कहा कि जलवायु परविर्तन समाज के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है और जलवायु दशाओं में थोड़ा सा भी बदलाव होने पर विभिन्न क्षेत्रों के लिए जोखिम पैदा हो रहा है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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