चीन ने भारत पर LAC पर फायरिंग करने का आरोप लगाया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
चीन की ओर से सोमवार को भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के करीब हवाई फायरिंग (air shots fired) किए जाने के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद भारत ने इसका जवाब दिया है. भारतीय सेना (Indian Army) ने कहा है कि उसने ऐसी किसी घटना को अंजाम नहीं दिया है, उल्टे चीन ने 7 सितंबर को फायरिंग की है. भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि चीन हकीकत के उलट बयान देकर अपने देश और दुनिया के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. सेना ने यह भी कहा कि वो सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन चीन की ओर से लगातार आक्रामक गतिविधियां की जा रही हैं.
क्या है पूरा मामला
- भारतीय सेना ने मंगलवार को एक बयान जारी कर बताया है कि पूर्वी लद्दाख में सात सितंबर को उसकी तरफ से नहीं, चीनी सेना की ओर से की गई थी. आर्मी ने अपने बयान में कहा है कि 'सेना ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पार नही की है और ना ही किसी तरह के उकसावे वाला काम किया है. फायरिंग भी कभी नही किया है.'
- सेना ने चीन के आरोपों पर कहा, 'जहां तक 7 सितंबर की घटना है, चीनी सेना हमारी फ़ॉरवर्ड पोजीशन के करीब आने की कोशिश कर रही थी, जिसे सेना ने रोकने का प्रयास किया. हमारी सेना को डराने के लिए उल्टे चीनी सेना ने हवा में कुछ राउंड फायर किए. इस उकसावे की कार्रवाई के बावजूद सेना ने जिम्मेदारी और सूझबूझ का परिचय दिया.'
- सेना ने कहा कि वो शुरू से सीमा पर तनाव घटाने को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन चीनी सेना लगातार उकसावे वाली कार्रवाई की जा रही है. सेना ने अपने बयान में कहा, 'चीनी सेना लगातार समझौते का उल्लंघन कर रही है, आक्रामक कार्रवाई कर रही है, वह भी तब जब सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात हो रही है.'
- सेना ने कहा कि 'भारतीय सेना शांति और विश्वास बहाली के लिये प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही अपने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए भी दृढ़ निश्चयी है. चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर का बयान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय लोगों को गुमराह करने वाला है.'
- चीन ने सोमवार की रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सेना के जवानों ने आमने-सामने की स्थिति में हवा में वॉर्निंग शॉट्स फायर किए थे और दावा किया कि चीन ने इसके खिलाफ 'जवाबी कदम' उठाए.
- चीनी सेना के वेस्टर्न कमांड थिएटर के प्रवक्ता झांग शुइली ने एक बयान में कहा कि 'हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वो तुरंत अपने खतरनाक कदम उठाना बंद करें.... और जांच कर उन सैनिकों को दंडित करें जिन्होंने शॉट्स फायर किएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटना दोबारा न हो.'
- भारत-चीन के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में अब यह घटना हुई है. अभी इसके तीन दिनों पहले ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में हुई शंघाई सहयोग संगठन की शिखर वार्ता के इतर चीनी रक्षा मंत्री वेंग फेंगही के साथ बैठक की थी, जहां दोनों नेताओं ने इलाके में तनाव कम करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी.
- इसके पहले भारत चीन पर दो बार यथास्थिति बदलने की कोशिश करने के आरोप लगा चुका है. आरोप है कि पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो इलाके में 29 और 31 अगस्त को चीन पैन्गॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर आक्रामक सैन्य गतिविधियां की थीं, जिसे भारत ने विफल कर दिया था.
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