महाराष्‍ट्र के अमरावती ने फिर बढ़ाई चिंता, गांवों में केसों में इजाफा, कहीं यह वायरस में नया म्‍यूटेशन तो नहीं!

राज्य सरकार द्वारा बनाई गई टास्क फ़ोर्स को आशंका है कि कहीं अमरावती ज़िला फिर नया म्यूटेशन तो नहीं देख रहा इसके लिए जरूरी है कि जीनोम सीक्‍वेंसिंग बढ़े.

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अमरावती जिले के ग्रामीण इलाके में कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

महाराष्ट्र का अमरावती वो ज़िला है जहां सबसे पहले डबल म्‍यूटेंट वेरिएंट का पता चला था. यहीं से कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई. यहां पिछले दिनों आंकड़े कम हुए, लेकिन फिर बढ़ने लगे हैं. आशंका है कि यहां फिर वायरस में नया म्‍यूटेशन हुआ है.अगर आगे फैला तो सभी के लिए चिंता की बात होगी. कोरोना की दूसरी लहर की पहली 'धमक' अमरावती में ही मिली थी और यहीं डबल म्‍यूटेंट भी सबसे पहले मिला. अब अमरावती में फिर से मामले बढ़ रहे हैं. महीनेवार बात करें तो मार्च के आख़िर तक यहां 2,935 एक्टिव केस दिखे, लेकिन अप्रैल के आख़िर तक 7,134 एक्टिव केस हो गए. 18 मई तक ज़िले में 9,816 एक्टिव मामले हो चुके हैं. 1 से 18 मई के बीच ज़िले में 15,466 कोविड के मामले दिखे, इनमें 12,903 मामले ग्रामीण और 2563 शहरी क्षेत्र से दर्ज हुए हैं इस तरह 83.42% मामले ग्रामीण अमरावती से हैं.

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अमरावती के ज़िला आरोग्य अधिकारी डॉ दिलीप रणमले कहते हैं, 'ग्रामीण इलाके में केस बढ़ने लगे हैं, पहले ग्रामीण क्षेत्र में 20-30% मामले थे अब उलटा हो गया है.अभी ग्रामीण एरिया से 80% से ऊपर मामले हैं और कॉर्परेशन में क़रीब 20%. ग्रामीणों की लापरवाही भी इसका एक कारण हो सकती है. पहले वे सचेत थे अब इतने सचेत नहीं दिखते.' इस बीच राज्य सरकार द्वारा बनाई गई टास्क फ़ोर्स को आशंका है कि कहीं अमरावती ज़िला फिर नया म्यूटेशन तो नहीं देख रहा इसके लिए जरूरी है कि जीनोम सीक्‍वेंसिंग बढ़े. कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्‍य डॉ राहुल पंडित कहते हैं, 'ये चिंता की बात है. अमरावती और नागपुर के ही इलाक़े से सबसे पहले डबल म्यूटंट वेरिएंट B.1.617 का पता चला था. ज़रूरी है कि यहां टेस्टिंग, कांटैक्ट ट्रेसिंग और जीनोम सीक्‍वेंसिंग बढ़ाई जाए ताकि अगर कोई नया वेरिएंट है या sub-lineage हो तो इसके बारे में पता चले.'

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि अमरावती में नया म्यूटेशन, अगर सच है तो ये पूरे देश के लिए चिंता की बात है.IMA-महाराष्ट्र के प्रवक्‍ता डॉ अविनाश भोंडवे ने कहा, 'देश के हालात सुधर रहे हैं लेकिन अमरावती के बिगड़ रहे हैं. इसका मतलब है कि अभी जो इस ज़िले में वेरिएंट है B.1.617 हो सकता है कि उसमें म्यूटेशन हुआ हो, जीनोम सीक्वन्सिंग की ज़रूरत है. ज़िलाधिकारी का कहना है कि अमरावती से 100 सैम्पल जीनोम सीक्वन्सिंग के लिए भेजे गए पर नतीजे पर केंद्र ने कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी है. ज़िला आरोग्य अधिकारी,अमरावती डॉ दिलीप रणमले कहते हैँ, '
हमने 100 सैम्पल NIV पुणे जीनोम सीक्वन्सिंग के लिए भेजे हैं, लेकिन इसकी रिपोर्ट प्रोटोकॉल के हिसाब से सीधे सेंट्रल गवर्नमेंट को गई है लेकिन केंद्र से अभी तक इस रिपोर्ट की जानकारी हमको अधिकारिक तौर पर नहीं मिली है. 
अमरावती में अभी तक कोरोना से 1,250 मौतें हुई हैं, इसमें से 285 यानी 22% मौतें 50 से नीचे के उम्र के लोगों की हैं. शहरी अमरावती में 7 लाख लोग हैं, इनमें क़रीब सवा लाख को टीका लग चुका हैतो ग्रामीण में 21 लाख लोगों में से क़रीब ढाई लाख लोग वैक्‍सीनेट हुए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि अमरावती ज़िले में वायरस के प्रकोप और फैलाव को देखते हुए टीकाकरण पर सबसे ज़्यादा फ़ोकस करने की ज़रूरत है. (अमरावती से संजय शेंडे के भी इनपुट)

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