भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी बंगाल इकाई में गहराते असंतोष को दूर करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं.पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राज्य में पार्टी के कई नेताओं ने कड़े सवाल उठाए थे और खुलकर नाराजगी का इजहार किया था. बीजेपी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय नेराज्य पार्टी प्रमुख दिलीप घोष की ओर से कोलकाता में बुलाई गई बैठक से किनारा किया. मुकुल रॉय ने तो चुप्पी साध रखी है लेकिन उनके बेटे शुभ्रांशु नेममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में वापसी की संभावना से इनकार नहीं किया है.
तृणमूल कांग्रेस यानी TMC ने दावा किया है कि 35 बीजेपी विधायक, टीएमसी में वापसी करना चाहते हैं और लीडरशिप के संपर्क में हैं. गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले, बड़ी संख्या में टीएमसी नेताओं ने खेमा बदलते हुए बीजेपी की ओर रुख किया था लेकिन पार्टी की हार के बाद अब यह उल्टी नजर आ रही है. 'विरोध के सुरों' और 'पुनर्वापसी' के इस संकेतों के बीच तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में आए प्रमुख नेता शुभेंदु अधिकारी ने दिल्लीमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा से भेंट की थी. दो सांसद अर्जुन सिंह और सौमित्र खान भी फीडबैक और समीक्षा के लिएबुलाई जा रही बैठक में भाग लेने को दिल्ली जाने वाले हैं. बंगाल में चुनाव के दौरान और उसके बाद, बीजेपी की रणनीति पर राज्य के नेताओं ने सवालउठाए थे. उनकी खास नाराजगी विशेष रूप से चुनाव के ठीक पहले ममता को 'धोखा' देकर बीजेपी में आने वाले टीएमसी नेताओं के मामले मे थे.
इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि बीजेपी ने स्थानीय नेताओं के बजाय बाहर से लाए गए नेताओं को विधानसभा के प्रचार में लगाया. इन नेताओं काकहना है कि इस 'चूक' का ममता बनर्जी को फायदा मिला जिन्होंने चतुराई से चुनाव को 'ममता vs ऑल' और 'तृणमूल vs बाहरी' में तब्दील कर दिया.गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. जिन नेताओं पर तृणमूल में वापसी कासंदेह है उसमें पूर्व मंत्री रंजीब बनर्जी प्रमुख हैं, जिन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन की थी. बनर्जी ने फेसबुकपोस्ट में अपनी 'नई पार्टी' की ओर से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी और केंद्र सरकार की ओर से ममता बनर्जी के खिलाफ उठाए गए कदमोंको लेकर सवाल उठाए हैं.