चारों धामों में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था न करने तथा हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण 19 मई तक बंद रखने का निर्णय लिया. चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बुधवार तक पहले छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. 25 अप्रैल को चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया गया था और बृहस्पतिवार शाम तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण किए जा चुके हैं.
प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा है कि शुरूआती दिनों में ही पवित्र धामों में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं करने का निर्णय लिया गया है.
पत्र में रतूड़ी ने यह भी कहा है कि धामों में दर्शन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के अनिवार्य पंजीकरण की व्यवस्था की है और धामों में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति केवल उन्हीं तिथियों में दी जाएगी, जो उन्हें पंजीकरण के समय दी गयी हैं.
रतूड़ी ने बुजुर्गों तथा पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले अपना परीक्षण करवाने तथा उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है. उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि वे अपने यहां इस सूचना को लोगों तक पहुंचाएं.
इस संबंध में उन्होंने कहा कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जा रही है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है.
पर्यटन विभाग ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पूर्व में पंजीकृत श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं उनके सुगम दर्शन को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार और ऋषिकेश में खोले गए ऑफलाइन काउंटर को 17 से 19 मई तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है.