कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर का कहना है कि उनके पति ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री की कुर्सी उपहार में दी थी. नवजोत ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल कभी चाहते थे कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में आम आदमी पार्टी का नेतृत्व करें, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात नहीं करने का फैसला किया. उनका दावा भगवंत मान और नवजोत सिद्धू के बीच वाकयुद्ध के बीच आया है.
नवजोत कौर ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ''मुख्यमंत्री भगवंत मान, आज मैं आपके खजाने की खोज का एक गुप्त रहस्य खोलती हूं. आपके अपने सबसे वरिष्ठ नेता ने चाहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब का नेतृत्व करें." उन्होंने दावा किया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने राज्य का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न माध्यमों से सिद्धू से संपर्क किया था.
फरवरी 2022 में पंजाब में चुनाव हुए और आम आदमी पार्टी की भारी जीत के बाद भगवंत मान मुख्यमंत्री बने. नवजोत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "केजरीवाल ने हमारे राज्य के लिए उनके जुनून के बारे में जानते हुए पंजाब का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न चैनलों के माध्यम से उनसे संपर्क किया. सिर्फ इसलिए कि वह अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहते थे और सोचते थे कि जब पंजाब के उत्थान की रणनीति की बात आती है, तो दो मजबूत नेतृत्व वाले लोग आपस में भिड़ सकते हैं." आपके पास एक मौका है,"
उन्होंने आगे कहा कि नवजोत सिद्धू की एकमात्र हैं, जिन्हें पंजाब के कल्याण की चिंता है और उन्होंने इसके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "आप सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं और वह आपका समर्थन करेंगे, लेकिन जिस क्षण आप विचलित होंगे, वह आपको दाएं और बाएं निशाना बनाएंगे. स्वर्ण पंजाब राज्य उनका सपना है और वह इसे 24 घंटे जीते हैं."
भगवंत मान ने रविवार को जालंधर में एक पंजाबी दैनिक के संपादक के समर्थन में इकट्ठा होने पर विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नवजोत सिद्धू ने कहा था, 'दिल्ली के इशारे पर लोकतंत्र को चौकसी की व्यवस्था बनाने वाले, रिमोट कंट्रोल से पंजाब को मोहरे की तरह चलाने वाले' अब नैतिक व्याख्यान दे रहे हैं.
पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कई नेता 1 जून को जालंधर में पंजाबी समाचार पत्र के कार्यालय में इसके प्रधान संपादक बरजिंदर सिंह हमदर्द के समर्थन में एकत्र हुए थे, जो जालंधर में 315 करोड़ की जंग-ए-आज़ादी स्मारक के निर्माण में धन के कथित दुरुपयोग को लेकर सतर्कता ब्यूरो के निशाने पर हैं.
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