"इस साल देश में नए पैटर्न से पहुंचा मानसून": भारतीय मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट

मानसून लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से समेत उत्तर भारत में अधिकांश जगह तक तय समय या उससे थोड़ा पहले पहुंच गया है, लेकिन मध्य भारत में यह अब भी तय समय से दो सप्ताह पीछे है, जहां अधिकांश किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर हैं.

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मुंबई में मानसून पहुंचने की सामान्य तारीख 11 जून और दिल्ली के लिए 27 जून है.

भारत के ज्यादातर हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में बारिश देखने को मिली. मानसून अपने निर्धारित समय से दो दिन पहले रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचा, जिससे दिल्ली के लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली. जबकि मुंबई में यह दो हफ्ते की देरी से पहुंचा. दिल्ली और मुंबई, दोनों जगह रविवार को मॉनसून के आगमन के साथ इसकी पहली बारिश हुई. इस तरह का दुर्लभ संयोग 62 साल पहले 21 जून 1961 को देखने को मिला था, जब दोनों महानगरों में एकसाथ मॉनसून का आगमन हुआ था. आईएमडी के एक वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डी. एस. पाई ने कहा, ‘‘21 जून 1961 के बाद से यह पहली बार है, जब मॉनसून दिल्ली और मुंबई दोनों जगह एकसाथ पहुंचा है.

भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की प्रगति पर एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि अबकी बार मानसून देश के अलग-अलग हिस्सों मे एक नए पैटर्न से पहुंचा है. वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि 26 जून तक मॉनसून देश के लगभग 80 फ़ीसदी हिस्से तक पहुंच गया है. कल बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया बना. इसकी वजह से मानसून तेजी से देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रहा है. 62 साल बाद मानसून मुंबई और दिल्ली में एक ही दिन पहुंचा है. मुंबई में मानसून पहुंचने की नार्मल डेट 11 जून है लेकिन इस साल मानसून 25 जून को पहुंचा, जबकि दिल्ली में मॉनसून नॉर्मल डेट 27 जून से 2 दिन पहले ही 25 जून को पहुंच गया.

इस साल मानसून देश के अलग-अलग हिस्सों मे जैसे नए पैटर्न से पहुंचा है. इसे हम सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से जोड़कर नहीं देख सकते. इसके लिए 30 से 40 साल के डाटा की जरूरत होगी. असम के ऊपर अभी बादल घट गए हैं, वहां ज्यादा बारिश की उम्मीद नहीं है. हालांकि रुद्रप्रयाग समेत उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में आज 12 सेंटीमीटर बारिश का पूर्वानुमान है.  दक्षिण-पश्चिम मानसून ने मध्य प्रदेश में दस्तक दे दी है. अगले 24 घंटों में राज्य के दो जिलों में अतिभारी बारिश की संभावना के चलते ‘ऑरेंज अलर्ट' और नौ जिलों में भारी बारिश होने के आसार के कारण ‘यलो अलर्ट' जारी किया गया है.  दक्षिण पश्चिम मानसून के रविवार को राजस्थान के कुछ हिस्सों में प्रवेश के साथ उदयपुर, कोटा, बीकानेर और जयपुर संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश और कुछ जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई.

आकाशीय बिजली गिरने से प्रदेश में अब तक पाली, चित्तौड़गढ़ और बारां जिलों में चार लोगो की मौत हो गई, वहीं चार अन्य लोग घायल हो गये.  मौसम केन्द्र जयपुर के प्रभारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि आगामी दिनों में अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बारां, भरतपुर, भीलवाडा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है. विभाग ने अजमेर, भीलवाडा, टोंक सहित कुछ जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट' भी जारी किया है. मुंबई और उसके उपनगरों में पिछले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश हुई. मौसम विभाग ने मंगलवार तक और अधिक बारिश होने की संभावना जताई है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

खराब मौसम के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुषकर सिंह धामी ने संवाददाताओं से बातचीत में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी लेकर ही यात्रा करें . उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उनसे अपील करता हूं कि अगर ज्यादा मौसम खराब हो तो वे अपनी यात्रा को रोक दें और मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार चलें.'' आम तौर पर केरल में मानसून एक जून तक, मुंबई में 11 जून और राष्ट्रीय राजधानी में 27 जून तक पहुंच जाता है. देश में मानसून की अब तक की गतिविधि असामान्य है.

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